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साहित्यकार डा. त्रिभुवन प्रसाद सम्मानित, व्यक्त्तिव पर विमर्श


शिवेश शुक्ला
बस्ती: वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति द्वारा सक्सेरिया इण्टर कालेज के इतिहास के सेवानिवृत्त प्रवक्ता एवं साहित्यकार डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र को उनके योगदान के लिये कलेक्टेªट परिसर में सम्मानित किया गया। अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि सेवानिवृत्त के बाद इतिहास लेखन और गरीब मेधावी छात्रों को मार्गदर्शन में उनका विशेष योगदान है। 
संचालन करते हुये डॉ. रामकृष्ण लाल जगमग ने कहा कि डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र की इतिहास पर केन्द्रित निबन्ध संग्रह इन्द्रधनुष शीघ्र ही पाठकों के सम्मुख होगा। सेवानिवृत्त वृद्ध जनांे को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये कि सेवा निवृत्ति का अर्थ विश्राम नही है। श्याम प्रकाश शर्मा ने कहा कि डा. त्रिभुवन प्रसाद के द्वारा प्रतिवर्ष एक साहित्यकार को 11 हजार और मेधावी छात्रों को दो हजार रूपये का पुरस्कार दिया जाना स्वयं में अनूठी पहल है। समिति अध्यक्ष वसीम अंसारी ने कहा कि जिन घरों में बूढे मां बाप खिलखिलाते हैं वहां कभी दरिद्रता नहीं आती। नई पीढी को सबक लेना होगा कि वे भी कभी बूढे होंगे। साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र से समाज को काफी आशायें हैं। 
डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होने सेवा और लेखन को अपना आधार बनाया। पात्र गरीबों की सेवा से उन्हें आत्मिक सन्तोष मिलता है। 
कार्यक्रम में ओम प्रकाश मिश्र,  रामदत्त जोशी, डा. राममूर्ति चौधरी, जगदीश प्रसाद पाण्डेय, पेशकार मिश्र, विभूति नारायण पाण्डेय, जगदीश प्रसाद, बटुकनाथ शुक्ल, शव्वीर अहमद, जगदम्बा प्रसाद भावुक, अजमत अली सिद्दीकी, जय प्रकाश गोस्वामी आदि ने डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।

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