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देश की सीमाओं के रक्षकों की ही सही पर पुरानी पेंशन बहाल होनी चाहिए : अटेवा




प्रतापगढ़। राष्ट्र रक्षा हेतु विगत 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में 40 अर्द्ध सैनिकों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।  देश के लिए सर्वस्व बलिदान करने वाले अर्ध सैनिक बलों को भी रिटायरमेंट के बाद बाजार आधारित एनपीएस के हवाले कर दिया जाता है। यह विचार अटेवा संयोजक डा०विनोद त्रिपाठी ने शहीद सैनिक स्मारक पर श्रध्दांजलि देते हुए ब्यक्त किया। डा०विनोद त्रिपाठी ने कहा कि शहीदों के परिजनों की सामाजिक सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को कोई भी तंत्र तैयार नहीं , यह अफसोस जनक स्थिति है। एक देश में एक विधान की स्थापना के लिए पुरानी पेंशन बहाल होनी चाहिए। सह संयोजक सीपी राव ने कहा कि पेंशन विहीन साथियों बाजार आधारित एन पीएस पेंशन नहीं, नो पेंशन स्कीम की टेंसन है।शिक्षक नेता  वेद प्रकाश ने कहा कि मौजूदा दौर में न्यायिक सेवा आयोग भी अपने न्यायिक अधिकारियों के लिए एन पी एस को खराब बता रहा है और पुरानी पेंशन की वकालत कर रहा है। तो साथियों  हम सभी को भी चुप नहीं बैठना है, अंतिम लक्ष्य पुरानी पेंशन प्राप्ति तक प्रयास करना है। आंदोलन की इसी कड़ी मे अटेवा कार्मिकों ने पुलवामा हमले में शहीद अर्धसैनिक बलो की प्रथम शहादत दिवस पर अम्बेडकर चौराहे से सैनिक कल्याण बोर्ड तक कैंडिल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि अर्पित की । इस मौके पर संतोष शर्मा, राघवेंद्र उपाध्याय, धर्मेन्द्र कुमार, वासुदेव तिवारी, संदीप कुमार तिवारी, कौशलेन्द्र सिंह, उदय भान सिंह, रमेश सरोज एवं समर बहादुर यादव आदि ने अर्ध सैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की पुरजोर मांग की।

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