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यूपी CM• याेगी ने पीएम मोदी को भेंट किया को दंड राम की प्रतिमा



वासुदेव यादव,                  अयाेध्या।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार काे जन्मभूमि पर भूमिपूजन कर शुभ मुहूर्त में भव्य राममंदिर निर्माण की आधारशिला रखी। इससे पहले माेदी ने प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में मत्था टेका। जहां गद्दीनशीन महंत प्रेमदास रामायणी ने चांदी का मुकुट पहना और रामनामा आेढ़ाकर उनका स्वागत किया। उसके बाद माेदी ने आस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला काे साष्टांग प्रणाम कर आरती-पूजन किया। तत्पश्चात परिसर में ही पारिजात के पाैधे का राेपण भी किया। यह पहला माैका था जब स्वतंत्र भारत के इतिहास में देश का काेई प्रधानमंत्री रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने आया हाे। अपने तय समयानुसार अयाेध्या पहुंचे प्रधानमंत्री ने विधि-विधान से वैदिक रीति द्वारा राममंदिर की आधारशिला रखी। काशी से आए विद्वान वैदिक ने भूमिपूजन कार्यक्रम अनुष्ठान सम्पन्न कराया। 
पीएम माेदी ने जय सियाराम और रामचरित मानस की चाैपाई राम-काज कीन्हे बिनु माेहि कहां विश्राम के साथ अपने सम्बाेधन की शुरूवात करते हुए कहाकि आज का यह जयघाेष सिर्फ अयाेध्या में ही नही। बल्कि पूरे विश्व में सुनाई दे रहा है। यह मेरा साैभाग्य है कि ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित कर इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर प्रदान किया है। भारत भगवान भास्कर के सानिध्य में सरयू के किनारे स्वर्णिम अध्याय लिख रहा है। इससे पूरा देश राेमांचित है हर मन एकमय हाे गया है। पूरा भारत भावुक और राममय है। सदियाें का इंतजार समाप्त हुआ। हमारे रामलला कई वर्षाें से टाट के नीचे रहे। उनके भव्य मंदिर का निर्माण भूमिपूजन के साथ प्रारम्भ हाे गया है। उन्हाेंने कहाकि टूटना व खड़ा हाेना सदियाें से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि मुक्त हुई। स्वतंत्रता आंदाेलन की ही तरह राममंदिर आंदाेलन भी था। इसके लिए कई-कई सदियाें तक कई-कई पीढ़ियाें ने अखंड, अविरल एक निष्ठ प्रयास किया। आज का दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है। रामजन्मभूमि आंदाेलन में अर्पण भी था व तर्पण भी। संघर्ष तथा संकल्प भी था। त्याग, बलिदान, संघर्ष से यह स्वप्न साकार हो रहा है। जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है। उन १३० कराेड़ भारतवासियाें की तरफ से मैं सिर झुकाकर नमन करता हूं। सम्पूर्ण श्रृष्टि की शक्तियां रामजन्मभूमि के पवित्र आंदाेलन से जुड़ी। जाे जहां है वह इस भूमिपूजन के आयाेजन काे देखकर भावविभाेर हाे रहा है। माेदी ने कहाकि भगवान राम हमारे मन में गढ़े और घुल-मिल गए हैं। क्या कुछ नही हुआ राम के आस्तित्व काे मिटाने के लिए। पूरा-पूरा प्रयास किया गया। लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हुए हैं। राम भारत की मर्यादा और मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। राम के सब काम हनुमान करते हैं। उनके आदर्शो की कलयुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी बजरंगबली की है। श्रीराममंदिर हमारी भारतीय संस्कृति का आधुनिक और सास्वत प्रतीक बनेगा। यह मंदिर कराेड़ाे-कराेड़ लाेगाें के सामूहिक संकल्प का प्रतीक रहेगा। राममंदिर आने वाली पीढ़ियाें काे आस्था, श्रद्धा व संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। मंदिर बनने के बाद सिर्फ अयाेध्या की भव्यता ही नही बढ़ेगी। इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र बदल जायेगा। हर क्षेत्र में नए अवसर बढ़ेंगे। पूरी दुनिया से लाेग यहां आयेंगे। दुनिया प्रभु राम व माता जानकी का दर्शन करने यहां आयेगी। कितना कुछ यहां बदल जायेगा। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया राष्ट्र काे जाेड़ने का उपक्रम है। यह महाेत्सव है इस बात को विद्यमान से, नर काे नारायण से, लाेगाें काे आस्था से, वर्तमान को अतीत से और स्व काे संस्कार से जाेड़ने का है। यह ऐतिहासिक पल युगाें-युगाें व दिग-दिगांत तक भारत की दिव्य पताका फहराता रहेगा। यह दिन कराेड़ाें रामभक्ताें की सत्यता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि राममंदिर का नया इतिहास ही नही रचा जा रहा है। बल्कि इतिहास खुद काे दाेहरा रहा है। जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम के विजय का माध्यम बनने का अवसर मिला। अयाेध्या ताे प्रभु राम की नगरी है। इसकी महिमा खुद राम ने कही है। पूरी पृथ्वी पर श्रीराम जैसा नीतिवान शासक नही हुआ है। राम का सामयिक संदेश है कि नर-नारी सभी समान रूप से सुखी हाें। उनमें किसी प्रकार का भेदभाव न हाे। राम के आदर्शाें के साथ भारत आगे बढ़ रहा है। इंडाेनेशिया जैसे मुस्लिम राष्ट्र में भी, हमारे देश की तरह भगवान राम पूज्यनीय हैं। इराक और चीन में राम के प्रसंग व रामकथाओं का विवरण मिलेगा। श्रीलंका में ताे रामायण की कथा माता जानकी हरण के नाम से सुनाई जाती है। कंबाेडिया, मलेशिया, थाईलैंड में भी लाेग राम काे मानते हैं। नेपाल से ताे भारत का आत्मीय सम्बंध माता जानकी से जुड़ा है। ऐसे ही दुनिया के न जानें कितने देश व छाेर हैं। जहां की आस्था या अतीत में प्रभु श्रीराम किसी न किसी रूप में बसे हैं। भारत के बाहर दर्जनाें ऐसे देश हैं। जहां वहां की भाषा में रामकथा आज भी प्रचलित है। मुझे विश्वास है कि  राममंदिर का काम शुरू हाेने से देश के कराेड़ाें-कराेड़ लाेगाें काे सुखद अनुभूति हाे रही हाेगी। आखिरकार राम सबमें हैं राम के नाम की तरह अयाेध्या में बनने वाला भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्धि का द्याेतक हाेगा। यह अनंतकाल तक पूरी मानवता काे प्रेरणा देता रहेगा। भगवान राम की नीति है हमारा देश जितना ताकतवर हाेगा। उतनी ही प्रीति व शांति बनी रहेगी। राम की यही प्रीति और नीति सदियाें से भारत का मार्गदर्शन करती रही है। भगवान राम का मंदिर युगाें-युगाें तक प्रेरणा देता रहेगा।
विशिष्ट अतिथि संघ प्रमुख माेहन भागवत ने कहाकि यह आनंद का क्षण है सबने एक संकल्प लिया था। ३०वें साल के प्रारम्भ में संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है। रामजन्मभूमि के लिए लाखाें लाेगाें ने बलिदान दिया। जाे सूक्ष्म रूप से आज इस ऐतिहासिक पल में उपस्थित हैं। राममंदिर के नींव पूजन से पूरे देश में आनंद की लहर है। सदियाें की आस अब जाकर पूरी हुई। यह देश वसुधैव कुटुम्बकम का है। उन्हाेंने कहाकि आज विहिप सुप्रीमाें स्व.अशाेक सिंहल, परमहंस रामचंद्र दास और अवैद्यनाथ जीवित हाेते ताे कितना अच्छा हाेता। वह भी इस पल के साक्षी बनते। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। सब लाेग भगवान राम के हैं सबमें राम बसे हैं। भव्य राममंदिर जल्द ही बनकर तैयार हो जायेगा। सारी प्रक्रिया पूरी हाे गई है। हम सब अपने मन की अयाेध्या काे सजाये-संवारें। सबकाे अपने मानने वाला धर्म की अयाेध्या बनाना है। हमारा हृदय राम का बसेरा हाेना चाहिए।
मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने कहाकि आज हम अपने आप काे बहुत ही गाैरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस दिन की हम सभी काे एक लम्बे समय से प्रतीक्षा थी। जाे अब जाकर पूरी हुई। भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहे है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगाेपाल दास ने कहाकि आज बड़े ही हर्ष का विषय है। कराेड़ाें-कराेड़ हिंदू रामभक्ताें की मनाेरथ, अभिलाषा व इच्छा पूरी हुई। भव्य राममंदिर निर्माण में सभी तन, मन, धन से तैयार हैं। मंदिर निर्माण के कार्य का शुभारम्भ हाे गया है। सभी की अभिलाषा है कि राममंदिर का निर्माण अपनी आंखाे के सामने देख सकूं। संताें की भावनाओं का श्रीगणेश हाे गया है। राममंदिर का निर्माण एक अच्छे भारत का निर्माण है। भूमिपूजन हाे गया निश्चित ही भव्य श्रीराममंदिर का निर्माण जल्द ही हाेगा। इसमें कोई संदेह नही है।
पीएम माेदी ने इस अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा राममंदिर पर जारी डाक टिकट का अनावरण किया। 
मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने काष्ठ की बनी काेदंड राम की प्रतिमा प्रधानमंत्री काे भेंट की।
इस माैके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, याेग गुरू बाबा रामदेव, युगपुरूष स्वामी परमानंद, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, चिदानंद मुनि, साध्वी ऋतम्भरा, ट्रस्ट महासचिव चम्पत राय, जगद्गुरू रामभद्राचार्य, जगद्गुरू विद्याभास्कर, महंत भरत दास, महंत करूणानिधान शरण, श्रीमहंत धर्मदास, महंत रामशरण दास, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि, महंत सुरेश दास, महंत नारायणाचारी, महंत प्रेमशंकर दास रामायणी, आचार्य धर्मेंद्र, ट्रस्टी गाेविंद देव गिरि, राजा विमलेंद्र माेहन प्रताप मिश्र, दिनेश चंद्र आदि उपस्थित रहे।

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