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आखिर क्यों नहीं बंद होता मोतीगंज क्षेत्र में कच्ची शराब धंधा?

 


इलाकाई पुलिस की सरपरस्ती में चलता है कारोबार

आबकारी विभाग की भी साठगांठ हो चुकी है उजागर

मोतीगंज, गोण्डा। जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत बनकटी सूर्यबली सिंह के ललकी पुरवा गांव सहित इलाके के आधा दर्जन गांवों में अवैध कच्ची जहरीली शराब का कारोबार इलाकाई पुलिस और आबकारी विभाग की साठगांठ से गोरखधंधे का रूप ले चुका है। इस इलाके में आने वाले करीब आधा दर्जन गांवों में खुलेआम जहरीली शराब की भट्ठियां धधकती हैं। आरोप है कि इसके एवज में पुलिस तथा आबकारी विभाग द्वारा कारोबारियों से प्रतिमाह एक निश्चित रकम वसूल की जाती है।

    जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के हल्का नंबर दो का ललकी पुरवा गांव अवैध कच्ची जहरीली शराब के लिए कुख्यात है। यहां जैसे जैसे दिन गुजरता है, वैसे वैसे शराब की ‘मण्डी’ गुलजार होने लगती है। शाम होते ही घरों और गन्ने के खेतों में शराबियों का मेला लग जाता है। ललकी पुरवा गांव के अलावा रामनगर, मंगरे पुरवा, काशीपुरवा तथा बनकटा में चौकीदार आदि गांवों में कच्ची शराब का धंधा परवान चढ़ा हुआ है। कच्ची शराब पीकर आए दिन लोग असमय ही जान गंवा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद खाकी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बताया जाता है कि ललकी पुरवा तथा अन्य गांवों में जब भी छापा मारने का प्लान बनता है, तो हल्का दरोगा विनोद सिंह द्वारा इसकी सूचना शराब के धंधेबाजों को पहले ही दे दी जाती है, जिससे वे सावधान हो जाते हैं। थानाध्यक्ष जब फोर्स के साथ गांवों में शराब कारोबारियों के यहां छापा मारते हैं तो उनके हाथ कुछ भी नहीं लगता है।


नेपाल तक जाती है ललकी पुरवा की दारू


मोतीगंज थाना क्षेत्र का ललकी पुरवा व रामनगर बाजार अवैध कच्ची शराब के लिए कुख्यात रहा है। बताते हैं कि यहां की शराब पड़ोसी देश नेपाल तक भेजी जाती है। इसके अलावा बलरामपुर, बस्ती, फैजाबाद, अम्बेडकर नगर और महराजगंज जैसे जिलों में भी शराब माफियाओं के तार जुड़े हुए हैं। इन जनपदों में बाइक या लग्जरी गाड़ियों से कच्ची शराब की सप्लाई की जाती है। बताते चलें कि ललकी पुरवा में ही शराब एक्टिविस्ट मोहिनी आज़ाद का घर है। वे बडे़ पैमाने पर कच्ची के खिलाफ अभियान चलाती हैं लेकिन शराब माफियाओं से इलाकाई पुलिस की साठगांठ के चलते अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है।  


गांव की महिलाओं का आरोप



ललकी पुरवा की दर्जनभर से अधिक महिलाओं ने बताया कि वह सब भी पहले शराब का धंधा करती थीं लेकिन मोहिनी आजाद के आग्रह पर उन्होंने इस धंधे को छोड़ दिया है और अब मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करती हैं। महिलाओं ने बताया कि गांव में अवैध कच्ची शराब बनाने और बेचने की सूचना कई बार मोतीगंज पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिलाओं ने बताया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा ललकी पुरवा में शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही तो नहीं की गयी, अलबत्ता शिकायत से तंग आकर उन्होंने उन मोबाइल नंबरों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया, जिनसे फोन करके शिकायत की जाती थी।

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