जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर तहसील मुख्यालय पर स्थित 51 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ देवीपाटन परिसर में संस्कृत निदेशालय द्वारा शक्ति महोत्सव का आयोजन किया गया । शक्ति महोत्सव के तहत संस्कृत निदेशालय लखनऊ से आए तमाम कलाकारों ने शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के जीवन चृत से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम नाटक व गीतों के माध्यम से लोगों को विभिन्न मुद्दों के प्रति लोगों विशेषकर से महिलाओं व लड़कियों को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी बनाने तथा सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति जागरूक किया । महोत्सव के तहत प्रदेश के 11 अलग-अलग मंदिरों पर शक्ति महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
प्रदेश के अलग-अलग जनपदों के जिन मंदिरों पर शक्ति महोत्सव आयोजित किया गया उनमें बलरामपुर का शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर, काली माता मंदिर झांसी, कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर मथुरा वृंदावन, अलोपी देवी शक्ति पीठ मंदिर प्रयागराज, मां विंध्यवासिनी शक्तिपीठ मंदिर विंध्याचल मिर्जापुर, नैमिषारण्य प्रभा स्थली नैमिष सीतापुर, गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर, शीतला चौकिया धाम जौनपुर, देवबंद मां त्रिपुर बाला सुंदरी शक्ति पीठ मंदिर सहारनपुर, कड़ा धाम फतेहपुर तथा दुर्गा मंदिर वाराणसी शामिल है, जहां पर शनिवार को संस्कृत निदेशालय द्वारा आए कलाकारों की टीम में सांस्कृतिक प्रस्तुति के द्वारा लोगों विशेषकर महिलाओं व लड़कियों को मिशन शक्ति के प्रति जागरुक किया । लोक कलाकारों ने मां दुर्गा के द्वारा दुष्ट राज्यों राक्षसों का वध का चित्रण अपने गायन के माध्यम से प्रस्तुत करके लड़कियों तथा महिलाओं के अंदर वीर रस उत्पन्न करने का प्रयास किया गया । शक्ति महोत्सव का एकमात्र उद्देश्य शक्ति स्वरूपा दुर्गा की भांति वर्तमान परिवेश की लड़कियों व महिलाओं को तैयार करना है ताकि लड़कियां और महिलाएं अपनी आत्म सुरक्षा के लिए हर वक्त तैयार रहें । कलाकारों में हरीश राणा, बंटी राणा, मनोहर सिंह, विवरण, उमेश, रिंकू राणा, शैलेंद्र, ज्योति राणा, वर्षा राणा, खुशबू राणा तथा आसना शामिल थीथे, जिन्होंने अपने प्रस्तुति से महिलाओं और लड़कियों को जागरुक करने का प्रयास किया ।
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