दुर्गा सिंह पटेल
गोण्डा।यूँ तो यातायात जागरूकता माह भले ही प्रदेश भर में मनाया गया हो लेकिन गोंडा जिले में यातायात जागरूकता माह का शुभारम्भ कुछ अलग अंदाज में दिखा, आज गोण्डा जिले के डॉ फखरुद्दीन अली अहमद चौराहे पर यातायात माह की शुरुआत पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने फीता काटकर किया ,यातायात माह के जागरूकता अभियान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टर व आम नागरिक मौजूद रहे।
कार्यक्रम के बाद यातायात माह के नियमो को लोगों तक पहुंचाने के किए पुलिस अधीक्षक ने गांधीगिरी के माध्यम से दो पहिया वाहन चालकों को रोक कर उन्हें गुलाब का फूल देते हुए उन्हें यह समझाने का प्रयास किया और उन्हें शपथ दिलाई कि वह अब बिना हेलमेट के सड़क पर दो पहिया वाहन लेकर नही निकलेंगे।यातायात माह के अवसर पर सड़क हादसों से बचाव के जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के तौर तरीके व यातायात नियमो की अनदेखी करने वालों के अंजाम के बारे में बताया गया। सड़क दुर्घटनाओं पूरे विश्व मे हर वर्ष सड़क हादसों में लगभग 13 लाख से अधिक लोगों की जान चली जाती है। जिसमें अकेले भारत मे ही एक तिहाई लोगों की जान सड़क हादसों में चली जाती है। अकेले सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक 37% दो पहिया वाहनों का मामला होता है जबकि 13% चार पहिया या ट्रक से हादसे होते हैं। यातायात माह के जागरूकता कार्यक्रम के अंत मे पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमा पांडेय ने यातायात माह व सड़क सुरक्षा पर मंच से बोलते हुए कहा कि एजुकेशन, इंजीनिरिंग व एनफोर्समेंट के तहत सड़क सुरक्षा के नियमो पर काम कर के ही लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जा सकता है और साथ ही उनके जीवन को भी बचाया जा सकता है।
कार्यक्रम के बाद यातायात माह के नियमो को लोगों तक पहुंचाने के किए पुलिस अधीक्षक ने गांधीगिरी के माध्यम से दो पहिया वाहन चालकों को रोक कर उन्हें गुलाब का फूल देते हुए उन्हें यह समझाने का प्रयास किया और उन्हें शपथ दिलाई कि वह अब बिना हेलमेट के सड़क पर दो पहिया वाहन लेकर नही निकलेंगे।यातायात माह के अवसर पर सड़क हादसों से बचाव के जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के तौर तरीके व यातायात नियमो की अनदेखी करने वालों के अंजाम के बारे में बताया गया। सड़क दुर्घटनाओं पूरे विश्व मे हर वर्ष सड़क हादसों में लगभग 13 लाख से अधिक लोगों की जान चली जाती है। जिसमें अकेले भारत मे ही एक तिहाई लोगों की जान सड़क हादसों में चली जाती है। अकेले सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक 37% दो पहिया वाहनों का मामला होता है जबकि 13% चार पहिया या ट्रक से हादसे होते हैं। यातायात माह के जागरूकता कार्यक्रम के अंत मे पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमा पांडेय ने यातायात माह व सड़क सुरक्षा पर मंच से बोलते हुए कहा कि एजुकेशन, इंजीनिरिंग व एनफोर्समेंट के तहत सड़क सुरक्षा के नियमो पर काम कर के ही लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जा सकता है और साथ ही उनके जीवन को भी बचाया जा सकता है।
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