सीएमओ ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया क्षय रोग प्रचार वाहन
11 नवम्बर तक चलेगा एसीएफ तो पूरे जनवरी माह तक चलेगा टीकाकरण
आलोक बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। जिले में रविवार से दो अलग – अलग विशेष अभियान का आगाज हुआ। सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान (एसीएफ) 11 नवम्बर तक चलेगा, जबकि विशेष टीकाकरण अभियान पूरे जनवरी माह तक चलेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. एस डी ओझा ने बताया कि इस बार अभियान के तहत 2.5 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविन्द सिंह ने एसीएफ अभियान में लगाए गए प्रचार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते हुए ने बताया कि मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पूरे प्रदेश में तीन अभियानों का शुभारंभ किया है, लेकिन जिले में केवल दो अभियानों का ही शुभारंभ किया गया है। आयुष्मान गोल्डेन कार्ड अभियान में हमारे जनपद में लक्ष्य पूरा हो गया है । एसीएफ कैंपेन के तहत तीन-तीन सदस्यों की मेडिकल टीम कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चिन्हित घरों तक जाएगी और हर एक सदस्य की स्क्रीनिंग करेगी। जिन लोगों में क्षय रोग के लक्षण दिखेंगे उनकी बलगम जांच होगी। टीबी की पुष्टि होने पर अन्य आवश्यक जांचे करवाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि नवम्बर से जनवरी तक चलने वाले विशेष टीकाकरण अभियान के दौरान प्रत्येक सोमवार को अतिरिक्त टीकाकरण सत्र आयोजित किये जाएंगे। बुधवार और शनिवार के सत्र भी यथावत चलते रहेंगे। इन तीनों सत्रों के दौरान अभियान के तहत शून्य से एक वर्ष के 4280 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। यह वह लाभार्थी हैं जो कोविड के कारण नियमित टीकाकरण से वंचित रह गये थे। उन्होंने बताया कि गोल्डेन कार्ड बनाने के अभियान का भी शुभारंभ राज्य स्तर पर किया गया है। इसमें जिन गांवों में किसी का भी गोल्डेन कार्ड नहीं बना हो, ऐसे गांवों को आच्छादित करना था। लेकिन हमारे जिले में कोई ऐसा गांव नहीं बचा है जहां गोल्डेन कार्ड न पहुंच गया हो। जिला क्षय रोग कार्यालय पर अभियान के शुभारंभ के अवसर पर जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ वी पी पाण्डेय, ईश्वर चौधरी, कविता पाठक, बाबूराम, रामबास, महेन्द्र कुमार पाण्डेय तथा अन्य लोग उपस्थित रहा ।
ऐसे चलेगा एसीएफ कैम्पेन
इस बार एसीएफ कैंपेन के दौरान मेडिकल टीम दो गज दूरी बना कर लक्षण पूछेंगी। टीम के सभी सदस्य मॉस्क, ग्लब्स, हैंडकैप और सैनेटाइजर से लैस रहेंगे। डीटीओ ने बताया कि अगर कोई कोरोना मरीज मिलता है जिसमें टीबी के भी लक्षण हैं तो कोरोना रिपोर्ट निगेटिव हो जाने के बाद उसकी टीबी जांच की जाएगी। लेकिन अगर वह किसी अस्पताल में भर्ती है तो पीपीई किट के साथ उसकी सैंपलिंग की जाएगी। उन्होंने बताया क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द के निर्देशन में अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है । जिन इलाकों में कैंपेन चलना है वहां धर्मस्थलों से भी एनाउंसमेंट करवाया जाएगा। एसीएफ की जो टीम किसी नये टीबी मरीज को खोज लेगी उसके प्रत्येक सदस्य को200 रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
अभियान में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण– सीएमओ
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने इस बात पर जोर दिया गया कि कोविड-19 के कारण कार्यक्रमों पर जो नकारात्मक प्रभाव आए हैं उनकी क्षतिपूर्ति इन्हीं अभियानों के माध्यम से की जाए। इन अभियानों में आशा कार्यकर्ता की भूमिका बेहद अहम है और आम जनमानस को उनका सहयोग करना चाहिए। ताकि जिले की जनता को स्वस्थ और निरोग बनाने के सपने को साकार किया जा सके।
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