साहित्यकार व पुरातत्व खोजी निर्झर प्रतापगढ़ी प्रयास से अब तक मिल चुके हैं अनगिनत पुरावशेषो
एस के शुक्ला
प्रतापगढ़ । जनपद के प्रसिद्ध पौराणिक एवं पुरातत्व महत्व के स्थल अजगरा से स्थानीय निवासी ख्याति लब्ध साहित्यकार व पुरातत्व खोजी राजेश कुमार पांडेय उर्फ निर्झर प्रतापगढ़ी ने गत दिवस अजगरा पौराणिक स्थल के समीप से कुछ दुर्लभ पुरातत्व महत्त्व के पुरावशेषो को खोज निकाला है। ज्ञात हो कि जनपद प्रतापगढ़ मुख्यालय से 14 किलोमीटर पश्चिम वाराणसी लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अजगरा रानीगंज बाजार से डेढ़ किलोमीटर दक्षिण महाभारत कालीन यक्ष युधिष्ठिर संवाद स्थल स्थित है। अजगरा बाजार से स्थल की ओर जाने वाली सड़क का चौड़ीकरण करने के बाद उसके दोनों ओर नाली का निर्माण कार्य वर्तमान समय में चल रहा है। नाली की खुदाई के दौरान निकली मिट्टी के मलबे से निर्झर प्रतापगढ़ी ने 11 सेंटीमीटर लंबी व 6 सेंटीमीटर मोटी बारहसिंगा की टूटी हुई सींग व हड्डी से बने बाण का खंडित निचला भाग जिसकी माप 4•5 सेमी,9×4 सेमी माप की खण्डित मृग मूर्ति का गर्दन से ऊपर का भाग,एक चिकना बढा व एक धारीदार छोटा मिट्टी गोला, धातु निर्मित अलंकृत वर्तन तथा कौड़ी व धातु की चूड़ियों के खंडित भाग प्राप्त किए हैं । निर्माण कला व अजगरा से निर्झर द्वारा पूर्व में खोजी गई हजारों पुरातत्व महत्त्व की इस कोटि की वस्तुओं के आधार पर यह सभी पूरावशेष कुषाण काल के आस- पास के प्रतीत होते हैं,जबकि सींग व खंडित बाण का भाग मध्य पाषाणिक संस्कृति का बोध कराते हैं । एमडीपीजी कॉलेज के पुराविद् डॉक्टर पीयूष कांत शर्मा ने इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि करते हुए इन्हें अजगरा के पुरातत्व महत्व में श्री वृद्धि माना है। इस तरह साहित्यकार पुरातत्व खोजी निर्झर प्रतापगढ़ी के प्रयास से अब तक अजगरा में अनगिनत पूरा पुरावशेषो को प्राप्त किया जा चुका है।
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