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गोण्डा: डीएम के आदेश को नही मानते बीडीओ , सिक्रेटरी, कर रहे रूपये की माँग, पीड़ित ने लगाया सनसनीखेज़ आरोप


 पिता के मृत्यूप्रमाण पत्र के लिए बेटा दो महीने से लगा रहा चक्कर।

रिर्पोट.रमेश कुमार मिश्र.

तरबगंज गोंडा।गोण्डा जिले का तरबगंज ब्लाक भष्टाचार का अडडा बनचुका है।जहाँ बगैर रूपये के कुछ भी करवा पाना बहुत ही मुस्किल ही नही नामुमकिन लग रहा है।जहाँ अधिकारीयों के आदेश कूड़ेदान में डाले जाते है।और पीड़ित चक्कर पे चक्कर लगाता रहता है।यही नही है साहब मृत्यूप्रमाण पत्र के लिए 2000रूपये रेट तय है अगर नही दिया तो घूमते रहो कोई कुछ पूछने वाला भी नही मिलेगा।ये है ब्लाक मुख्यालय तरबगंज जहाँ पर जिले के तेजतर्रार जिलाधिकारी मार्कन्डेयसाही के आदेश को भी दरकिनार कर दिया जाता है।और ब्लाक में तैनात ग्राम विकास अधिकारी व खन्डविकास अधिकारी आदेश नही मानते हैं।  पीड़ित व्यक्ति महीनों से मृत्यु प्रमाण पत्र के कारण हलकान है। प्रमाण पत्र के अभाव में पीड़ित का गन्ने और धान बिक्री का पैसा और राजस्व अभिलेखों में वरासत ना दर्ज होने से पीएम सम्मान निधि का भुगतान रुक गया है।  

पैसा बैंक खाते में ट्रांसफर ना होने से अवरुद्ध है।पैसे के अभाव में लड़कियों की शादी और खेतों में भर्ती लगा पाना मुश्किल गुजर रहा है।ये कोई कहानी नही है साहब ये है हकीकत तरबगंज ब्लाक की जहाँ हर काम के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है।

बताते चले की तरबगंज विकासखन्ड के अंतर्गत ग्राम सभा धौराहरा घाट के मजरा  रतोहिया निवासी पारसनाथ पुत्र अयोध्या प्रसाद की मृत्यु 4 दिसंबर 2020 को हुई थी। जिसके मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मृतक के पुत्र सोनू तिवारी ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेश यादव के पास लगभग दो महीने से दौड़ लगा रहे है।लेकिन ग्रामविकास अधिकारी के कानो पर जूँ तक नही रेंग रही है।पीड़ित का कहना है कि  ग्राम पंचायत अधिकारी मृत्यूप्रमाण पत्र के लिए दो हजार रूपये की माँग कर रहे है।पैसे की मांग न पूरा करने के चलते मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहे हैं। । जिससे राजस्व अभिलेखों में वरासत और बैंक अकाउंट में बिके गन्ना का पैसा का ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है।जिससे लड़कियों की शादी और खेती में भर्ती अवरुद्ध है। मृत्यु प्रमाण पत्र ना बनने को लेकर मृतक के पुत्र सोनू तिवारी ने 19 जनवरी को तहसील दिवस के माध्यम से जिलाधिकारी से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाने की मांग की थी। जिसके आदेश में ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेश यादव ने बिना मौका जांच किये मृत्यु लखनऊ के एक निजी हॉस्पिटल में दिखाकर फर्जी रिपोर्ट लगा दी।जबकि वीडियो भी ग्रामविकास अधिकारी के पक्ष में खड़े दिख रहे है। पुनः आवेदक ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री के यहां शिकायत में ग्राम पंचायत अधिकारी के ऊपर सनसनीखेज/भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप  लगाते हुए उच्च अधिकारी से मृतक की सही जाँच करवाकर मृत्यूप्रमाण बनवाये जाने की माँग की है वही ग्राम पंचायत अधिकारी के फर्जी रिपोर्ट लगाने की जाँच करवा कर कार्यवाही करने की माँग की है।

क्या कहते है जिम्मेदार

खन्डविकास अधिकारी तरबगंज फोन भी रीसिव करना मुनासिब नही समझ रहे है बेल बज रही है और कट जारही है लेकिन कोई जबाव नही मिल रहा है।

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