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Sant kabir nagar निष्‍कलंक व स‍मर्पित भाव से किए सेवाकार्य निरन्‍तर स्‍मरणीय–सीएमओ




समर्पण व समयबद्धता न रहे तो सेवा का कोई मतलब नहीं रह जाता - डॉ ए के सिन्‍हा
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्‍हा को स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों ने दी सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई

आलोक कुमार बर्नवाल

सन्तकबीरनगर। सीएमओ डॉ हरगोविन्‍द सिंह ने कहा कि कार्य तो सभी लोग करते हैं लेकिन निष्‍कलंक व समर्पित भाव से किए गए सेवा कार्य निरन्‍तर स्‍मरणीय रहते हैं। हम सभी लोगों को अपने सेवा काल में ऐसा कार्य करना चाहिए कि कोई उंगली न उठा सके। आज 32 साल स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की सेवा के बाद निवृत्‍त हो रहे डॉ ए के सिन्‍हा इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं जो निष्‍कलंक होकर सेवानिवृत्‍त हो रहे हैं।

यह बातें उन्‍होने सीएमओ कार्यालय में जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्‍हा की सेवा निवृत्ति के बाद आयोजित विदाई समारोह को सम्‍बोधित करते हुए बतौर मुख्‍य अतिथि कहीं। अपनी विदाई के दौरान डॉ ए के सिन्‍हा ने कहा कि सेवा काल के दौरान समर्पण और समयबद्धता ही मेरी पहचान थी। अगर ये दोनों चीजे न हों तो सेवा का कोई मतलब नहीं रह जाता है। हमारे अस्‍पताल समय से खुलना ही हमारी समयबद्धता है। हमें हमेशा ऐसा कार्य करते रहना चाहिए कि हमारी पीठ पीछे भी लोग हमें याद करें और वह भी पूरे सम्‍मान के साथ। विभाग के लोगों ने विदाई के इस अवसर पर हमें जो सम्‍मान दिया है वह हमें निरन्‍तर याद रहेगा। इस दौरान एसीएमओ डॉ मोहन झा ने कहा कि सिन्‍हा जी यहां पर गागर में सागर थे और उन्‍होने सभी को संभालकर रखा था। जब भी हो वे अपने कर्तव्‍य के प्रति सचेत रहते थे। जब भी कोई काम पड़ा वे उसके लिए निरन्‍तर तत्‍पर रहे। इस दौरान मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ ओ पी चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ ए के सिन्‍हा एक आदर्श चिकित्‍सक थे तथा हरफनमौला थे। उनके जाने से विभाग में जो रिक्‍तता आई है, उसको खुद वे ही भर सकते हैं। इस दौरान उन्‍हें भगवान श्रीकृष्‍ण तथा राधा की मूर्ति, श्रीमदभगवदगीता, श्रीरामचरितमानस, छाता, अंगवस्‍त्रम तथा विभिन्‍न सामान उपहार स्‍वरुप प्रदान किए गए।

इस दौरान एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डिजीज डॉ वीपी पाण्‍डेय, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, एडीएमओ सुनील चौधरी, एपीडेमियोलाजिस्‍ट ( जिला महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली, सर्वेश श्रीवास्‍तव डाटा मैनेजर, राजकुमार यादव , जेई राजेश कुमार, राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के मण्‍डलीय मन्‍त्री बस्‍ती मण्‍डल मृत्‍युंजय कुमार गुप्‍ता, फार्मासिस्‍ट एसोसिएशन के मन्‍त्री नित्‍यानन्‍द त्रिपाठी, डिस्ट्रिक्‍ट मैनेजर ईविन (यूएनडीपी) सुशील कुमार मौर्या, अरबन कोआर्डिनेटर सुरजीत सिंह, प्रभारी चिकित्‍साधिकारी डॉ अनिल चौधरी, डॉ वी के सिंह, डॉ सियाराम यादव, डॉ एसके सिंह, डॉ उमेश चन्‍द्रा, डॉ विमल द्विवेदी, डॉ राजेश चौधरी, यूपीटीएसयू के करुणेश मिश्रा, धर्मराज त्रिपाठी, योगिता यूनीसेफ के जिला कोआर्डिनेटर बेलाल अनवर, मनीष मिश्रा, महेन्‍द्र त्रिपाठी, अभय त्रिपाठी, शैलेन्‍द्र श्रीवास्‍तव एलटी, सुमन शुक्‍ला, रितेश चौरसिया, विजय त्रिपाठी, सर्वेश द्धिवेदी, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ अशोक चौधरी, कोषाध्‍यक्ष डॉ विवेक खन्‍ना, व्‍यापारी कैलाशपति रुंगटा के साथ ही भारी संख्‍या में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के कर्मचारी, अधिकारी तथा आम जनमानस मौजूद रहे।

कोरोना काल की चर्चित जोड़ी टूटी

कोरोना काल के दौरान डॉ ए के‍ सिन्‍हा को कोरोना रैपिड रिस्‍पांस टीम का प्रभारी तो एपीडेमियोलाजिस्‍ट ( महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली को सहप्रभारी बनाया गया था। ये दोनो अधिकारी कोरोना काल में सबसे अधिक आम जनता और पुलिस व प्रशासन के उच्‍चाधिकारियों के सम्‍पर्क में रहे। इसके बावजूद ये इतनी सतर्कता से अपने कार्य को अंजाम देते रहे कि दोनो अधिकारियों को कोरोना छू तक नहीं पाया। यही नहीं एक दिन की छुट्टी भी 11 महीने तक नहीं ली। लोग याद करते हुए कह रहे थे कि विभाग को कोरोना से उबारने वाली जोड़ी आज टूट गई।

रोटरी क्लब मे भी देते थे योगदान

डॉ ए के सिन्‍हा विभाग में तो अपनी सेवा देते ही थे। साथ ही साथ अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संस्‍था रोटरी क्‍लब के साथ मिलकर भी वे सेवा के कार्य करते रहे । इंसेफेलाइटिस के प्रकोप के दौरान संतकबीरनगर जनपद के लोगों को मच्‍छरदानी वितरण कराने के साथ ही एम्‍स और अमेरिका के चिकित्‍सकों को जिले में लाकर यहां विभिन्‍न रोगों से ग्रसित लोगों को उनके घर के नजदीक सेवा पहुंचवाई।

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