कृष्ण प्रेम के भूखे है– महाराज जी
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। मेंहदावल ब्लॉक के ग्रामपंचायत जब्बार के सिद्ध कुटी बाबा माननाथ हनुमान मंदिर के परिसर में बाबा गोरखनाथ के तत्वाधान में समर्पित श्री श्री अन्नपूर्णा महायज्ञ का आयोजन विगत गुरुवार से चल रहा है। जिसमे प्रतिदिन अयोध्या से पधारे अंतरराष्ट्रीय कथावाचक देवेंद्र पाठक जी महाराज के श्रीमुख से भागवत कथा का वर्णन किया जाता है। जिसे सैकड़ो ग्रामीण भक्तगण श्रोता नित नियम से सुनते है। आसपास के ग्राम से इस कथापान प्रतिदिन आते है। दोपहर में प्रारम्भ कथा में मंगलवार को श्रीमद भागवत सप्ताह यज्ञ के छठवें दिन श्रीकृष्ण बाल लीला, कालियानाग मर्दन एवं गोवर्धन पूजा का सुंदर चित्रण किया गया। जिसमे अयोध्या से पधारे कथावाचक देवेंद्र पाठक महाराज ने भगवान कृष्ण बाल लीला, माखन चोरी व गोवर्धन पूजा की कथा श्रद्धालुओं को सुनाई। आज उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप अवस्था मे बकासुर, अघासुर के मुक्ति प्रदान करने के साथ ही सभी घटनाओं का मधुर संगीत में वर्णन किया गया। सुमधुर संगीत बद्ध कथा में उनके माता यशोदा के साथ मार्मिक क्षणों को श्रीमुख से बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान की अद्भुत लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणा दायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं कीं। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैंने माखन नहीं खाया। देवेंद्र पाठक जी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण अपनी सखाओं और गोप-ग्वालों के साथ गोवर्धन पर्वत पर गए थे। वहां पर गोपिकाएं 56 प्रकार का भोजन रखकर नाच गाने के साथ उत्सव मना रही थी। कृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि आज के ही दिन व्रसासुर को मारने वाले तथा मेघों व देवों के स्वामी इंद्र का पूजन होता है। इसे इंद्रोज यज्ञ कहते हैं। इससे प्रसन्न होकर इन्द्र ब्रज में वर्षा करते हैं जिससे प्रचुर अन्न पैदा होता है। भगवान कृष्ण ने कहा कि इन्द्र में क्या शक्ति है। उनसे अधिक शक्तिशाली तो हमारा गोवर्धन पर्वत है। इसके कारण ही वर्षा होती है। अत: हमें इंद्र से बलवान गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। बहुत विवाद के बाद श्री कृष्ण की यह बात मानी गई और ब्रज में गोवर्धन पूजा की तैयारियां शुरू हो गई। इस दौरान श्रद्धालु भक्ति सागर में मंत्रमुग्ध दिखे। इस अवसर सभी भक्तगणों में भक्ति के ब्यार को देखते ही बनता था। इस भागवत कथापान के अवसर प्रधान प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह, यज्ञ संरक्षक दिनेश कुमार सिंह, आयोजक मण्डल से त्रियुगी नारायण त्रिपाठी, करुणायन त्रिपाठी, विनोद कुमार त्रिपाठी, मनोज सिंह, सतीश सिंह, सूर्यप्रकाश सिंह सहित ज्ञानेंद्र सिंह, शिव बहादुर सिंह, संतोष सिंह रामनित्य यादव, अशरफी लाल, अशरफी मौर्या, भगवान दास आदि सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे।
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