एस के शुक्ला
प्रतापगढ़। लालगंज तहसील के खजुरी के समीप गुरूवार को होली हंगामा कवि सम्मेलन में राष्ट्रीयता की उमंग के फव्वारे मे लोग ठहाके लगाते दिखे। कवि सम्मेलन का शुभारंभ साहित्यकार दीपेन्द्र तन्हा ने सरस्वती वंदना से किया। ओजकवि अंजनी अमोघ ने पढ़ा-हाथ में रोली अबीर लिये खड़ी टोली है, प्रेम व सौहार्द की बोल रहें बोली है। वहीं दीपेन्द्र तन्हा ने पढ़ा-अबीर व गुलाल संग रंग भरी बाल्टी कै सराही गई। अनूप प्रतापगढ़ी ने गुनगुनाया-अजब सुहानी रात ये देखो लेकर होली आई है, अमन चैन की बात भी देखो लेकर होली आयी है पर दर्शकों की जमकर तालियां गूंजी। विजय बंजारा सभागार में होली हंगामा पर कवि अनूप तिवारी, संजय शुक्ल, राजा शुक्ला, अभिषेक पाण्डेय, निशा त्रिपाठी ने भी अपनी रचनाओं से राष्ट्रीय भावनाओं का माहौल बनाया। वहीं कवियों ने सामाजिक तथा राजनीतिक विसंगतियों पर भी तीखे शब्दवाण छेडे। कवि सम्मेलन के संयोजक समाजसेवी जयकौशल ने लोगों का अबीर व गुलाल से अभिषेक किया। संचालन करते हुए प्रख्यात् साहित्यकार लवलेश यदुवंशी ने भी महफिल को अपने नाम किया। उन्होनें पढ़ा- जो भूखों को खिलाओगे, तभी समझो कि होली है खूब सराही गई। सह संयोजक राजा शुक्ला ने स्वागत किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश शुक्ल, युवा समाजसेवी सुधीर तिवारी, विजय मिश्र बॉबी, सर्वेश मिश्र, शुभम श्रीवास्तव, सुमित त्रिपाठी, शैलेन्द्र द्विवेदी, कमल मिश्र, वंदना शुक्ल, शिवानी सिंह, डा. मुकेश मिश्र व प्रीतेन्द्र ओझा आदि ने होली को समरसता तथा भाई-चारे की मजबूती का सबसे पावन पर्व ठहराया।
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