Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

गोण्डा: जिलाधिकारी के शब्दों से आहत अपर चिकित्साधिकारी ने दिया त्यागपत्र, शोसल मीडिया पर वायरल हुआ त्यागपत्र

 

त्यागपत्र का पृष्ठ संख्या एक

गोण्डा: जिलाधिकारी के शब्दों से आहत होकर अपर चिकित्सा अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा को त्यागपत्र सौंपा है। दिए गए त्यागपत्र की छाया प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे त्यागपत्र में दिनांक 06.07.2021 को कलेक्ट्रेट सभागार गोण्डा में सम्पन्न हुयी कोविड-19, समीक्षा बैठक में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल के संबंध में अपर चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा है कि आप अवगत है कि जनपद गोण्डा में प्रतिदिन सायं 06 बजे कोविड समीक्षा बैठक जिलाधिकारी गोण्डा की अध्यक्षता में सम्पन्न होती है। मैं शासन के निर्देशों पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत हूं एक राजकीय चिकित्सक के रूप में मेरी 22 वर्षो की सेवा बेदाग एवं उत्कृष्ठ है. दिनांक 06.07.2021 की बैठक के दौरान जिलाधिकारी गोण्डा द्वारा मुझे निम्नलिखित आपत्तिजनक बाते कहीं गयी:

त्यागपत्र का पृष्ठ संख्या दो
1. सामु०स्वा० केन्द्र बेलसर की समीक्षा करते हुए सैम्पलिंग कम होने की वजह से मुझसे कहा गया कि क्यों न अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (मुझे) को वहा का प्रभारी चिकित्साधिकारी बना दिया जाये, जबकि में लेवल-4 का अधिकारी हूं तथा ग्रेड पे-बैण्ड-8700 में तैनात हूँ। मेरे मनोबल को तोडने हेतु इससे पूर्व भी जिलाधिकारी गोण्डा जमूरा, निकम्मा इत्यादि शब्दों का बहुदा प्रयोग किया जा चुका है।


2. निगरानी समितियों के पास मेडिकल किट की समीक्षा करते हुए उन्होनें कहां कि हम यह प्रमाण पत्र दें कि शासन द्वारा मिली समस्त मेडिकल किट निगरानी समितियो को प्राप्त हो चुकी है, पूर्व में जिलाधिकारी के आदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग ने 04 चरणों में मेडिकल किट विकास खण्ड अधिकारियों को सभी विकास खण्डों में प्राप्त करा दिया गया है। मैंने महोदय से कहा कि सर दवायें निगरानी समितियों के पास अभी है, और दवा देने से पहले दी गयी दवाओं की उपयोगिता हमें पता होनी चाहिए। निगरानी समितियों से भी उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं उनके पास वर्तमान में उपलब्ध मेडिकल किट का ब्यौरा मांगा जाना चाहिए. इस पर उन्होंने डाटते हुए मुझे चुप करा दिया और कहां कि शासन ने सिर्फ देने को कहा है पहले दवा पहुचाइएं आप हिसाब मांगने वाले कौन होते है? आप इस तथ्य से भिज्ञ है, कि दवाओं का रखरखाव तकनीकी विषय होता है, एक सीमा से अधिक वर्षा ऋतु में आशा / आगनवाडी कार्यकत्री अपने छोटे से घर में बिना पूर्ण व्यवस्था एवं जानकारी के रखरखाव में अक्षम है।


3. जब मेरे द्वारा यह अवगत कराया गया कि क्लस्टर कोविड टीकाकरण हेतु जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गये शिक्षा अनुदेशक जिन्हें वेरीफायर के रूप में प्रशिक्षित किया गया था. अपनी सेवाये देने में हीला हवाली कर रहे है, जिस कारण कोविन पोर्टल पर तत्काल फीडिंग नहीं हो पा रही है, टीकाकरण का कार्य करने वाली ए०एन०एम० के द्वारा ही मजबूरीवश पंजीकरण करना पड़ रहा है, जिस कारण टीकाकरण लक्ष्य अनुरूप नहीं हो पा रहा है, तब उन्होंने फिर से मुझे डाटते हुए कहां कि यह स्वास्थ्य विभाग का काम है, जैसे चाहें वैसे करिए जिनसे चाहें उनसे कराइएं

शिक्षक सहयोग नहीं देंगें, यह शिक्षा विभाग का कार्य नहीं है। जबकि मेरे व्यक्तिगत प्रयास से 480 नर्सिंग अन्तिम वर्ष के छात्र/छात्राओं को वेरीफायर के रूप में चिहिन्त कर लिया गया था, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा ही शिक्षा विभाग का सहयोग लेने के लिए कहा गया, जिसे स्वयं मुख्य विकास अधिकारी गोण्डा द्वारा मानीटर किया जा रहा था।


जिलाधिकारी महोदय द्वारा यह कहते हुए सभा समाप्त कर दी कि मुख्य चिकित्साधिकारी और मेरे रहते इस जनपद में काम नहीं हो सकता है। जनपद में मेरी तैनाती गत 06 माह पूर्व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर हुई है, तब से प्रार्थी निरन्तर कोविड संक्रमण से बचाव एवं टीकाकरण से आच्छादित किये जाने हेतु अधिकतम प्रयास कर रहा है। जनपद के समस्त स्वास्थ्य मानको को 73वें स्थान से 30वें स्थान तक लाने में सफल रहा है। सांध्याकालीन समीक्षा बैठक में समस्याओं का समाधान निकालने के बजाय महोदय द्वारा शासकीय चिकित्सको को अपमानित किये जाने के कारण मैं मर्माहत हूँ, कोराना योद्धा के तौर पर सम्मानित होने के बजाए मुझे उनका यह कृत्य उन सभी शहीद हुए चिकित्सकों का अपमान महसूस हो रहा है, जिन्हों इस महामारी से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहूति दे


उपरोक्त परिस्थितियों में मैं, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोण्डा मानसिक रूप से आहत होने के कारण अपनी सेवाये देने में सक्षम नहीं हूँ। अतः मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूँ।




Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे