Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

प्रतापगढ़:बाल साहित्य सर्जन पर आयोजित हुआ कार्यशाला

आज का बालक है कल का नागरिक :-  रोशन 

एस के शुक्ला

प्रतापगढ़।सृजना साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में सरस कुटीर प्रतापगढ़ में राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी-21 का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ०दयाराम मौर्य रत्न ने कहा कि बच्चे ईश्वर का रूप होते हैं।बाल साहित्य का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करते हुए देश का आदर्श नागरिक बनाना है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रोशनलाल ऊमर वैश्य ने कहा कि बाल साहित्य लेखन सबसे दूभर परन्तु अति आवश्यक साहित्य सृजन है क्योंकि आज का बालक कल का नागरिक है।अति विशिष्ट अतिथि सालिकराम प्रजापति ने कहा बाल साहित्य समाज का वास्तविक मार्गदर्शन करने का कार्य करता है।इस अवसर पर बच्चों की पत्रिका बच्चों की प्यारी बगिया एवं गाँव की नई आवाज के अप्रैल-सितम्बर संयुक्तांक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर आयुष पांडेय,प्राणम्य त्रिपाठी,अथर्व तिवारी,सौम्या सिंह,प्रियांशी त्रिपाठी,अनन्या पांडेय,अर्जुन आनंद ओझा,अनंत आनंद ओझा आदि बच्चों ने काव्यात्मक प्रस्तुति दी।उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले बच्चों को सृजना साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश द्वारा बाल गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में बच्चों को साहित्य लेखन की बारीकियों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम का संचालन अनिल कुमार निलय ने किया।इस अवसर पर लखन प्रतापगढ़ी,प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम,श्रीनाथ मौर्य सरस,कुंजबिहारी लाल मौर्य,वागीश प्रजापति,भूपेश तिवारी,रूपेश तिवारी,अमरनाथ बेजोड,रामजतन मौर्य आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।

______________________________________

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे