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दरबारे आलिया मीनाइया में जश्ने फ़ैज़ाने मुर्शिद का हुआ आयोजन

देश के तमाम सूबों के सैकड़ों प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

ए. आर. उस्मानी

गोण्डा। हज़रत शाह महबूब मीना साहब (बाबा जी) के तारीख़े विसाल पर प्रोग्राम जश्ने फ़ैज़ाने मुर्शिद सज्जादानशीन हज़रत शाह जमाल मीना साहब की सरपरस्ती में मनाया गया। इस मौके पर दो अहम प्रोग्राम हुए जिसमें पहला प्रोग्राम आल इंडिया मुक़ाबला किरात और दूसरा मुसाबका खिताब (भाषण प्रतियोगिता) हुई, जिसमें पूरे हिन्दुस्तान से सैकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उनमें से 20 को चुना गया।

मुक़ाबले किरात में क़ारी गुलाम तबरेज़ शम्सी हुगली-बंगाल ने प्रथम, क़ारी अमानुल मुस्तफ़ा कोलकाता-पश्चिम बंगाल ने द्वितीय और क़ारी हसन मोहम्मद साजिद सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं भाषण प्रतियोगिता में मौलवी मोहम्मद निसार हशमती गोण्डा उत्तर प्रदेश ने प्रथम, मौलवी फतहुल्लाह अशरफी हावड़ा-पश्चिम बंगाल ने द्वितीय एवं मौलवी ओवैस अहमद अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इनके अलावा मोहम्मद नईम, मोहम्मद नफीस, मेंहदी हसन, शोएब अहमद, नुरुल हसन, आरिफ रज़ा, शहज़ाद रज़ा, अहमद हुसैन, अब्दुल कादिर शाकिर, नसीरुद्दीन, शहज़ाद हुसैन, अब्दुल कादिर नसीम, सादिस रज़ा एवं बदरुद्दीन ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। दरबारे आलिया मीनाइया की तरफ से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 51 हजार, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 25 हजार एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 11 हजार रूपये का नगद पुरस्कार के साथ ट्राफी, प्रमाण पत्र एवं पुस्तकें आदि भेंट की गयीं।

इस अवसर पर मुफ़्ती अमानुर्रब, डॉ. लायक अली, मुफ़्ती अब्दुर्रहमान, मौलाना सय्यद जफीर, मौलाना सय्यद शहज़ाद, क़ारी निसार अहमद मीनाई, बाबा फकीर मोहम्मद, वली मोहम्मद, हाजी ज़की, तबरेज़ आलम मीनाई, हाजी एहसान मीनाई, रफ़ीक़ आलम मीनाई, साद आलम, तुफैल आलम एवं नूर अली समेत बड़ी संख्या में अनुयायी उपस्थित रहे।


मुल्क और कौम के लिए काम करते रहे महबूब मीनाशाह

दिन में कुल शरीफ की महफिल हुई जिसमें अकीदतमंदों ने खिराजे अकीदत पेश किए। दुवाख्वानी हुई जिसमें मुल्क की तरक्की, खुशहाली एवं बीमारियों से छुटकारा की दुआ हुई। रात्रि के जल्से में हिंदुस्तान के मशहूर आलिमे दीन हज़रत अल्लामा ज़िया उल मुस्तफ़ा साहब ने अपने सम्बोधन में कहा कि बाबा जी पूरी जिंदगी मुल्क़ और क़ौम के लिए काम करते रहे और अपने पीर के बताये रास्ते पर अडिग रहते हुए दीन-दुनिया के बड़े-बड़े कारनामे जमीन पर छोड़े, जो सदियों तक मुल्क़ और क़ौम को खुशहाली तथा तरक्की देते रहेंगे। जल्से के मुख्य वक्ता मुफ़्ती शमशाद साहब ने बाबा जी की जिंदगी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके कारनामे को पुस्तकी रूप देना चाहिए और उनके इंसानियत को सही रास्ता दिखाने वाले उपदेशों को लोगों के सामने लाना चाहिए। इनके अलावा मुफ़्ती अबु यूसफ़ और मौलाना मुज़क्कीर हुसैन ने लोगों को बाबा जी बारे में अवगत कराया।

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