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मनकापुर : इस्लाम के आखिरी पैगंबर के आमद पर पूरी शानो शौकत के साथ निकला ईद मिलादुन्नबी का जुलूस

इमरान अहमद 

मनकापुर गोण्डा:इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के जन्मदिन (ईद मिलादुन्नबी)पर शहर व ग्रामीणों क्षेत्रों में जुलूस ए मोहम्मदी बड़े ही अदब व अहतराम के साथ निकाली गई ।



पैग़ंबरे इस्लाम के पैदाइश की खुशी में मंगलवार को जुलूस पूरे शानो-शौकत के साथ निकाली गई।जुलूस में नूर की बारिश में नहाए दीवानों की टोली नबी पर सलाम और नात पढ़ते हुए निकले तो मंजर देखते बन रहा था।


क्या बच्चा,क्या जवान,क्या बुजुर्ग हर कोई नबी की आमद पर खुशियां मना रहा था।सरकार की आमद मरहबा,दिलदार की आमद मरहबा जैसे बुलंद नारों से फिजा खुशनुमा हो गई।हर तरफ से फिजाओं में इत्र और फूलों की खुशबू के साथ नबी का जिक्र घुल रहा था।


जुलूस का इस्तक्बाल के लिए लोगों ने जगह-जगह पंडाल बना कर फूलों से स्वागत किया।जुलूस के दौरान नौजवानों के दिलों में देशभक्ति की झलक भी देखने को मिली।नौजवान देश का गौरव तिरंगा बड़े शान से लहरा कर चल रहे थे।ग्रामीण व कस्बे का जुलूस जामा मस्जिद से निकलकर चौक,सब्जी मंडी,गुमटी चौराहा, स्टेशन,पीलखाना,पेट्रोल पंप होते हुए वापस जामा मस्जिद पहुंचकर समाप्त हुई।

इस दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोतवाली प्रभारी हेमंत कुमार गौड़ व एसएसआई विष्णु देव पांडे भारी पुलिस बल के साथ मुस्तैद रहे।


इस मौके पर जामा मस्जिद के प्रबंधक तनवीर खान, शमशेर खान डंपी,अजीजुल हँसन,अब्दुल रहमान,शोएब खा,सह्जाद,मो फ़ैज़,एलoपीo खान,तौफीक अहमद,जमाल,कमाल,इरशाद,दिलशाद,गुलजार अशफाक शरीफ सहित कई लोग मौजूद रहे


मुहम्मद साहब ने दिया था "अमन व शांति" का संदेश


इस्लाम के आखरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आज ही के दिन 12 रबी उल अव्वल 571 ईसवी को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुई थी।


उनके वालिद (पिता) का नाम अब्दुल्ला व वालिदा (माता) का नाम हजरत आमिना था।उन्होंने दुनिया को इस्लाम की दावत दी।जब पैगंबर साहब दुनिया में तशरीफ लाए थे,तो उस वक्त अरब में कबीलाई संस्कृति का जाहिलाना दौर था।


पूरे अरब में हिंसा का बोलबाला था।लोगों में जाहिलियत भरी पड़ी थी। उस जमाने में औरतें और बच्चे महफूज नहीं थे,लोग बेटियों को बोझ मानते थे।और बेटी के पैदा होने पर उसे जमीन में जिंदा दफन कर देते थे।


 इन सब लोगों को अंधेर दुनिया से बाहर निकालने के लिए अल्लाह ने हजरत मोहम्मद सल्लाo वसल्लम को पैगंबर बनाकर भेजा।


हजरत मोहम्मद साहब ने लोगों को अमन व शांति का संदेश दिया।और बेटी के पैदा होने पर जिंदा दफन करने की कुप्रथा को समाप्त किया। मोहम्मद साहब दुनिया में शांति दूत बनकर आए थे जिन के पैदाइश पर आज दुनिया भर में खुशियां मनाई जा रही है

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