बी पी त्रिपाठी/प्रदीप शुक्ला
मुज़ेहना, गोंडाब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत जमुनही में वर्ष 2016 में बना अंत्येष्ठि स्थल मात्र पांच सालों में ही जर्जर हो कर गिरने की कगार पर पहुंच गया है।
दीवाल और छत में दरारें पड़ गयीं हैं पिलर लटक चुका है जो किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहा है।
शव जलाने के लिए बनाया टीन सेड बाथरूम, बरामदा, दो कमरा, हैण्डपंप, वाल बाउंड्री, सहित इंटरलॉकिंग कराया गया था, लेकिन निर्माण में गुणवत्ता की कमी के चलते अंत्येष्ठि स्थल पूरा मलबे में तब्दील होने की स्थिति में पहुंच चुका है !
अंत्येष्ठि स्थल के ये हालत देख कर वर्ष 2021 की वो घटना याद आ जाती है जब गाज़ियाबाद के मुरादनगर में अंत्येष्ठि स्थल की छत गिरने से सोलह लोगो की मौत हो गई थी। मौजूदा सरकार को उस समय दो-दो लाख रुपयेकी आर्थिक सहायता मृतकों के परिजनों को मुआवजे के रूप 32 लाख रुपये खर्च करना पड़ा था।
ऐसी घटनाओं को अनदेखा कर जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही साफ़ तौर पर देखी जा सकती है ।
वहीं पूर्व प्रधान रिता पांडेय के प्रतिनिधि भीष्म पितामह उर्फ़ पप्पू पांडेय ने बताया कि जिस समय निर्माण कार्य हो रहा था उस समय पूरा कार्य मानक विहीन हो रहा था।
इसकी शिकायत तहसील दिवस में अरुणेश पांडेय ने किया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई वहीं के रहने वाले अनिल पांडेय, चंद्रकेश तिवारी आदि ग्रामीणों का कहना है की छत का पिलर लगाते समय टूट कर लटक गया था, उसी को रिपेयर करते हुए छत लगा दी गयी थी, आज हालत ये है ग्रामवासी छत ढह जाने की डर से अंत्येष्ठि स्थल पर शव दाह करना तो दूर आस पास जाने से भी डरते हैं।
इस विषय में खण्ड विकास अधिकार इंजीनियर मनोज कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया की अभी हाल ही विडियों के पद पर में मेरी ज्वाइनिंग हुयी है, प्रकरण मेरे संज्ञान में आया जांच कराई जायेगी।
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