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नशेड़ियों और चोर उचक्कों तथा जुआड़ियों की शरणस्थली बन कर रह गए सकरौरा घाट देव दीपावली पर होगा रोशन

रजनीश/ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। गुरुवार को देव दीपावली के अवसर पर धर्म रक्षा सेतु के कार्यकर्ता सकरौरा घाट पर ग्यारह सौ दिये जलायेंगे।



 लगभग तीन दशक पूर्व तक अपनी भव्यता के लिए गोण्डा जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों में विख्यात रहा सकरौरा घाट अब वीरान होकर रह गया है। सरयू नदी द्वारा घाट छोड़ दिये जाने के कारण अब न तो यहां कोई बड़ा मेला लग पाता है न ही स्नानार्थी ही वहां पहुंच रहे हैं।



 ऐसे में सकरौरा घाट नशेड़ियों और चोर उचक्कों तथा जुआड़ियों की शरणस्थली बनकर रह गया है। सकरौरा घाट के प्रति लोगों की आस्था बनाये रखने के लिए धर्म रक्षा सेतु के कार्यकर्ताओं ने इस वर्ष वहां देव दीपावली मनाने का निर्णय लिया है।


 धर्म रक्षा सेतु के प्रमुख आयुष सोनी और विशाल कौशल ने बताया कि देव दीपावली पर सकरौरा घाट की सीढ़ियों और मंदिरों पर ग्यारह सौ दिये तो जलाये ही जायेंगे साथ ही रंगोलियां भी बनायी जायेंगी और घाट पर स्थित पोखरे में दीपदान भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसकी तैयारियां जोरों से की जा रही हैं। 

जुटेंगे 5 लाख श्रद्धालु 

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सरयू घाट सहित अन्य घाटों पर पांच लाख श्रद्धालु जुटेंगे। बीते दो वर्ष से कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर सरयू नदी में स्नान पर रोक लगी थी।


 इस वर्ष सरयू नदी के तट कटरा घाट पर स्नानार्थियों की भारी भीड़ जुटने की संभावना है। यहां सरयू नदी के किनारे पांच अलग अलग घाटों पर मेले का आयोजन भी होता है। जिसमें कटरा घाट, सकरौरा घाट, कटरा शहबाजपुर घाट, कचनापुर घाट, यमदुतिया घाट सामिल हैं।



 मेलों व घाट पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पांच लाख से अधिक होने का अनुमान है। हालांकि प्रशासन द्वारा सरयू घाट पर अब तक किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नही कराई गई है।

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