रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। क्षेत्र के ग्राम पिपरी में आयोजित पंच दिवसीय श्री धनुषयज्ञ महोत्सव में मंगलवार की रात नारद मोह की लीला के साथ श्रीराम लीला का शुभारंभ हुआ।
मंचन के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा दर्शाया गया कि नारद एक जगह भगवान के भजन में इतने लीन हो जाते हैं कि इंद्र का सिंहासन हिल जाता है।
सिंहासन जाने के भय के चलते इंद्र, नारद के तप को भंग करने के लिए कामदेव और अप्सराओं को भेजते हैं। ध्यान भंग नहीं होता है तो कामदेव नतमस्तक हो जाते हैं और नारद से क्षमा मांगते हैं।
जानकारी होने पर नारद को अभिमान हो जाता है कि उन्होंने कामदेव पर विजय प्राप्त कर लिया है।
इसकी जानकारी वह एक-एक करके ब्रह्मा, महेश और विष्णु को देते हैं। अभिमान को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने अपनी माया से सुंदर नगर और सुंदर राजकुमारी की रचना की।
जहां पहुंचकर नारद जब श्रीलनिधी राजा के आग्रह पर उनकी बेटी विश्वमोहिनी की हस्तरेखा देखते हैं। हस्तरेखा देखकर नारद विश्वमोहिनी से विवाह करना चाहते हैं और भगवान विष्णु से हरि रूप लेकर आते हैं।
कमेटी के बृजेश कुमार अवस्थी, कृपाराम शुक्ला, अंजलि कुमार दूबे, सरोज अवस्थी, शिव शंकर गुप्ता, राम कुमार गुप्ता, आशीष अवस्थी, गणेश दीक्षित, देवेंद्र मिश्रा, सोनू शुक्ला, लवकुश पाण्डेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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