श्याम त्रिपाठी
नवाबगंज गोण्डा: पौराणिक श्री हनुमत सिद्ध पीठ कटरा कुटी धाम पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भारत रत्न द्वे पं. अटल बिहारी बाजपेई एवं पं. महामना मदन मोहन मालवीय जी की पावन जयंती के उपलक्ष में प्रदेश स्तरीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि नंद कुमार तिवारी मुकुल ने किया । संचालन रविंद्र पांडे रवि ने किया ।
आए हुए सभी कवियों एवं अतिथियों का स्वागत अरुण सिंह व विनोद कुमार गुप्ता ने माल्यार्पण , धार्मिक पुस्तक एवं अंग वस्त्र भेंट कर किया ।
जिले के ख्यात प्राप्त कवि रविंद्र नारायण परसपुर ने सरस्वती वंदना से काव्य पाठ का शुभारंभ किया । इसके बाद ओज के सशक्त हस्ताक्षर अंतरराष्ट्रीय कवि राम किशोर तिवारी किशोर बाराबंकी ने पढ़ा की 'बच्चा बच्चा राम यहां का बेटी जनक दुलारी है ..!
तथा भगत सिंह व पन्नाधाय पर अपना सर्वश्रेष्ठ काव्य पाठ के माध्यम से श्रोताओं को रोमांचित कर दिया । वेद प्रकाश द्विवेदी प्रचंड ने कहा कि जो मेरे देश को लूटा हो उसको महान बतलाते हो.. , जितेंद्र सिंह उमंग बस्ती ने पढ़ा कि पर शीश काट काट दस शीश बने हुए ऐसे दस सीशो को सलाम मत कीजिए ..।
राजेश पांडे ने पढ़ा इस व्यर्थ कल्पना के गड्ढे को तुम कभी नहीं भर पाओगे ...।
संचालन कर रहे रविंद्र पांडे रवि ने पढ़ा कि शहर में जब कभी कोई इलेक्शन आने लगते हैं वह गांव के गली कूचे में फिर मंडराने लगते हैं ..।
घनश्याम पांडे गोंडवी ने पढ़ा काटते क्यों मुझे निर्मम मैं तुम्हारा मित्र हूं कर रहा जीवन सुवासित मैं तुम्हारा इत्र हूं ..।
नंद कुमार तिवारी मुकुल ने पढ़ा रूदन जो शक बन जाए उसे हम मीत कहते हैं ...। नवल जयदीप ने पढ़ा कि लतीफो चुटकुलों से बेतुकी शुरुआत करते हैं ...।
इसके अलावा अशोक मिश्र टाटबरी ने बसंत नामा प़ढा ! प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए दर्जनों कवियों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ काव्य पाठ किया ।
इस अवसर पर पंडित परशुराम शर्मा , रजनीश कमलापुरी , शमशेर बहादुर सिंह थानाध्यक्ष नवाबगंज, अरुणिमा पांडे ,अरुण सिंह ,विनोद कुमार गुप्ता, राम मणि पांडे , अजय सोनी , गौरी शंकर गुप्ता , तरुण कमलापुरी , अयोध्या जनपद के वरिष्ठ समाजसेवी विपनेश पांडे , सतपाल सिंह सचदेवा , विनोद गुप्ता परशुरामपुर , ओम प्रकाश गुप्ता , सूर्यभान सिंह , शिव प्रसाद गुप्ता , राका शर्मा , आनंद स्वरूप श्रीवास्तव सहित हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद रहे ।
इस अवसर पर वैदिक विद्वानों के द्वारा हवन कार्यक्रम एवं विशाल भंडारे के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।
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