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ग्रामीण क्षेत्रों मे विद्युत आपूर्ति, नहरों की सफाई व तदर्थ शिक्षकों के स्थायीकरण सहित कई मुद्दों पर मोना की गूंजी विधानसभा मे आवाज

 


सीएलपी नेता ने बजट पर चर्चा के दौरान सरकार से चिकित्सा क्षेत्र मे सुधार के लिए लालगंज ट्रामा सेंटर व प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज को क्षमता से संचालित करने पर फिर दिया जोर

गौरव तिवारी

लालगंज प्रतापगढ़। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता एवं जिले की रामपुर खास की विधायक आराधना मिश्रा मोना ने शनिवार को विधानसभा सत्र के दौरान सूबे की योगी सरकार का ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों मे खासकर गृह जनपद प्रतापगढ़ में विद्युत आपूर्ति की बेहद लचर व्यवस्था की ओर आकृष्ट किया। 


वहीं विधायक आराधना मिश्रा मोना ने सरकार से शौचालय निर्माण नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों मे महिलाओं के लिए महिला स्नानागार के निर्माण के लिए भी बजट मे धनराशि के आवंटन की मांग उठाई। 


सरकार के बजट को लेकर चर्चा मे कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता के रूप में आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र मे इस समय नलकूप व नहरों की सफाई न होने तथा बिजली की पंगु हो चुकी व्यवस्था से किसान तथा मध्यम वर्ग परेशान हो उठा है। 


बतौर उदाहरण प्रतापगढ़ जिले मे नहरों की सफाई न होने का मुददा उठाते हुए उन्होनें राजकीय नलकूपों के शो-पीस होने को लेकर जनअसुविधाओं के निदान की मांग भी रखी। 


उन्होनें बेरोजगारी पर भी बजट मे सरकार को दिशाहीन ठहराते हुए कहा कि वायदे के अनुसार युवा बेरोजगारी दूर नही हो पा रही है। 


सीएलपी नेता ने सरकार से बेरोजगारी पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग भी उठायी। रामपुर खास की विधायक आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश भर मे संचालित हो रहे ट्रामा सेन्टरों तथा मेडिकल कालेजो मे अभी भी पैरामेडिकल स्टाफ की क्षमता से तैनाती न होने को चिकित्सा प्रबन्धों के क्षेत्र मे जनता के लिए निराशाजनक कहा है। 


विधायक मोना ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र रामपुर खास मे ट्रामा सेंटर का पूरी क्षमता के साथ संचालन न होने के कारण गंभीर दुर्घटना में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को सही समय पर सही उपचार नहीं मिल पा रहा है। 


प्रतापगढ़ में मेडिकल कालेज मे भी अभी तक पर्याप्त बेहतर चिकित्सा उपकरण व पैरामेडिकल स्टाफ के अभाव मे इसके औपचारिक संचालन को विधायक मोना ने जनाकांक्षा के अनुरूप चिकित्सा शिक्षा का मॉडल बनाए जाने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा। 


उन्होंने सरकार से तदर्थ शिक्षकों की मौजूदा स्थिति पर विशेष ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि प्रदेश मे दो हजार से अधिक तदर्थ शिक्षक बेरोजगारी के कगार पर पहुंच गये है। 


ऐसे तदर्थ शिक्षकों के बच्चों की पढ़ाई तथा अन्य जीविको निर्वहन के खर्च ठप होने की ओर हैं। उन्होनें सरकार से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के अनुरूप मानवता के आधार पर तदर्थ शिक्षकों को स्थायी करने के लिए फौरन विचार करे। 


कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता मोना ने प्रदेश मे लाखों अस्थायी कर्मचारियों के स्थायीकरण न होने को भी निराशाजनक ठहराते हुए कहा कि सरकार अठारह माह से इन कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता तक नही दे सकी है। 


उन्होनें सभी प्रदेश के अस्थायी कर्मचारियों के स्थायीकरण पर भी सरकार से फौरन शासनादेश निर्गत किये जाने पर जोर दिया। बाजारों मे कोरोना के बाद छोटे व मझले कारोबार पर भी संकट का जिक्र करते हुए विधायक आराधना मिश्रा मोना ने सरकार से इनकी लडखडाती अर्थव्यवस्था मे सुधार के लिए पैकेज दिये जाने का भी सरकार के सामने सुझाव रखा है। 


वहीं उन्होनें हाल ही में सरकार के अफसरो द्वारा राशन कार्ड की वापसी और गरीब तबके से रिकवरी को लेकर अफसरो के द्वारा भय का माहौल पैदा किये जाने पर सरकार से जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर भी जोर दिया। 


वहीं बजट सत्र मे सीएलपी नेता की ओर से राज्य सरकार के समक्ष रखे गये इन सुझावों की जानकारी यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने जारी विज्ञप्ति मे दी है।

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