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सड़क दुर्घटना में घायलों की आईआरएडी एप के माध्यम से होगी लाइव रिपोर्टिंग



गोण्डा: सूचना एवं विज्ञान केंद्र (एनआईसी) अधिकारी गिरीश प्रजापति ने बताया है कि सड़क दुर्घटना से जनपद में होने वाली मौतों को कम करने के लिए अब चार विभाग (पुलिस, परिवहन, स्वास्थ्य, पीडब्लूडी) मिलकर काम करेंगे। 


शासन से सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है, उन्हें आई.आर.ए.डी एप पर घटना से लेकर उपचार तक की लाइव रिपोर्टिंग करनी होगी। 


मंगलवार को एन.आई.सी सभागार में  इसका प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।


प्रशिक्षण में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी गिरीश प्रजापति ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान भी चली जाती है इसकी प्रमुख वजह सड़क दुर्घटना में घायलों को समय पर उपचार की सुविधा उपलब्ध न हो पाना है। 


जब तक घायल को अस्पताल पहुंचाया जाता है तब तक काफी देर हो जाती है और इस दौरान काफी रक्त बह जाने से घायल की जान भी नहीं बच पाती है। 


शासन का प्रयास है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में कमी लाई जाए। इसके महेनजर एक एप विकसित किया गया है। इस पर संबंधित विभाग अपने से सम्बन्धित ब्यौरा अपलोड करेंगे। 


जिला रोल आउट मैनेजर आईआरएडी गोण्डा फैसल फत्ताह ने बताया कि सभी ब्लॉक लेवल अस्पताल व जिला चिकित्सालय को पंजीकृत किया गया है साथ ही प्रत्येक अस्पताल में पदस्थ एक चिकित्साधिकारी व एक कंप्यूटर ऑपरेटर को प्रशिक्षित किया गया है । 


प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों की लाइव रिपोर्टिंग करने का तरीका बताया गया।

            

उन्होंने बताया है कि शासन का उद्देश्य है कि दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों को जल्द से जल्द उपचार मुहैया कराया जाये जिसको ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग,परिवहन विभाग,स्वास्थ्य विभाग व एनएचएआई को एक प्लेटफोर्म पर लाया गया है तथा इन सभी विभागों के अधिकारियों को  आईआरएडी एप से जोड़ दिया गया है दुर्घटना होने पर पहले पुलिस विभाग द्वारा घटना की जानकारी (फोटो,वीडियों, अक्षांश देशांतर,घायल व्यक्तियों का विवरण आदि) मौके पर ही अपलोड किया जा रहा है ।


इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायलों के उपचार से सम्बन्धित विवरण अपलोड करना होता है तथा परिवहन विभाग दुर्घटना में प्रयुक्त वाहनों का विवरण अपलोड करता है।


 

वही एनएचएआई अथवा पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुँच कर घटना के वास्तविक कारणों(ब्लैक स्पॉट,सड़क की स्थिति , वाहन की गति आदि) का पता लगाकर अपलोड करेंगे | 


भविष्य में न्यायालय, बीमा तथा एम्बुलेंस से जुड़े विभागों को भी इससे जोड़ने के लिए कार्य चल रहा है विभागों द्वारा अपलोड डाटा का वैज्ञानिक विश्लेषण कर दुर्घटना में कमी लाने हेतु आवश्यक कदम उठाये जायेंगे ।  

         

इस अवसर पर प्रशिक्षण में डॉ पूजा तिवारी,डॉ ज्ञानेन्द्र सिंह, डॉ अशोक कुमार,डॉ अजीत प्रताप सिंह,डॉ अमित भारती,डॉ उदय मिश्रा,डॉ सत्येन्द्र सिंह,डॉ आर के शुक्ला,डॉ ओ पी भारती,डॉ दिब्यांशु कुमार,डॉ दीपंकर गौतम के साथ सभी सीएचसी से कम्प्यूटर उपस्थित रहे।

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