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BALRAMPUR:एमएलके पीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ




अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय ए टी एम एल के पीजी कॉलेज के आई क्यू ए सी की ओर से सोमवार को रिसर्च मेथाडालाॅजी बिषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलन के बाद मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया ।



एमएलके पीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम हॉल में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ 23 मई को मुख्य अतिथि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर पीके बसंत, कार्यक्रम की अध्यक्षता जेएनयू नई दिल्ली के प्रोफेसर सुधीर प्रताप सिंह द्वारा किया गया । 


कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट माधव राव सिंधिया राजकीय महाविद्यालय मध्य प्रदेश के प्रोफ़ेसर पुनीत कुमार, सेमिनार अध्यक्ष एवं प्राचार्य प्रोफेसर जे पी पांडे, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सदस्य सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ ओपी मिश्र, पूर्व प्राचार्य डॉ आर वी श्रीवास्तव लाल श्रीवास्तव, लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय गोण्डा के प्राचार्य डॉ आर के पांडे ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर के कार्यक्रम का शुभारंभ किया । 



महाविद्यालय की छात्रा राशि व पाली ने सरस्वती वंदना तथा विकास मिश्रा व वैभव मिश्र ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की ।


मुख्य अतिथि पीके बसंत ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि एक शोध पद्धति को तैयार करते समय शोधकर्ता को कई निर्णय लेने होते हैं । 


सबसे महत्वपूर्ण है कि किस डाटा पद्धति का उपयोग करना है । गुणात्मक, मात्रात्मक या दोनों का संयोजन । उन्होंने कहा कि रिसर्च मेथोडालॉजी मे इस बात पर जोर दिया जाता है कि क्या ईश्वर के बिना समाज की संकल्पना की जा सकती है ? 


इंसानों की दुनिया में इंसानों की गतिविधियों से ही समझा जा सकता है ? उन्होंने ज्ञान की अवधारणा के साथ-साथ सत्य, ईश्वर, भाषा आदि पर विस्तृत चर्चा की ।


कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफ़ेसर सुधीर कुमार सिंह ने रिसर्च मेथोडालॉजी के सैद्धांतिक ज्ञान के बजाय व्यावहारिक जगत के ऊपर व्याख्यान दिया । 


उन्होंने रिसर्च में होने वाली कमियों को बारीकी से बताते हुए उसके समाधान पर जानकारी दी ।डॉक्टर ओपी मिश्र ने नैक में होने वाली समस्याओं और आइक्यूएसी के दायित्व पर प्रकाश डाला । 


प्राचार्य प्रोफेसर जेपी पांडे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह सेमीनार शोधार्थी एवं महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। 


आइएक्यूएसी समन्वयक डॉक्टर तबस्सुम फरखी ने सेमिनार के आयोजन के उद्देश्य पर अपने विचार व्यक्त किए । 



इस दौरान सभी अतिथियों को प्राचार्य प्रोफेसर पांडे, आइक्यूएसी समन्वयक डॉक्टर फरखी, आयोजन सचिव डॉ आशीष कुमार लाल व डॉ जितेंद्र भट्ट ने अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया । 


कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉक्टर देवेंद्र कुमार चौहान ने किया । 


सेमिनार के उद्घाटन सत्र का समापन राष्ट्रगान से हुआ । इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक, शिक्षिकाएं व छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त देश के कई राज्यों से विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधि मौजूद रहे ।

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