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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना PMMSY की जिला स्तरीय समिति की जिलाधिकारी ने की बैठक।



अलीम खान 

अमेठी,जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पी0एम0एम0एस0वाई0) की जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई। 


बैठक में समिति द्वारा परीक्षणोपरांत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के 46 लाभार्थियों के आवेदन स्वीकृत किए गए, जिनमें निजी भूमि पर तालाब निर्माण के 11, निजी भूमि पर तालाब निवेश के 11, वृहद री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना के 8, लघु मत्स्य आहार मिल 2 टन प्रतिदिन के 1,  बायोफ्लॉक पॉण्ड निर्माण संवर्धन के 4, मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना के 1,  थ्री व्हीलर विद आइस बॉक्स के 1 तथा मोटरसाइकिल विद आइस बॉक्स के 9 आवेदन स्वीकृत किए गए। 


बैठक में सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के आवेदन पत्र प्राप्त करने हेतु विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था है लाभार्थियों को प्रथम आवक प्रथम पावक के आधार पर डीबीटी द्वारा लाभान्वित कराया जाना प्रावधानित है, उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न परियोजनाओं के कुल 81 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 35 लाभार्थी परियोजना के मानक एवं अर्हताओं को पूर्ण न करने के कारण निरस्त कर दिए गए हैं,


 इसके अतिरिक्त बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड मत्स्य पालन हेतु निर्गत किए जाने के लिए वित्तमान निर्धारण पर चर्चा की गई, जिलाधिकारी द्वारा शीघ्र ही मत्स्य पालन हेतु एवं अन्य गतिविधियों में भी किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। 


बैठक के दौरान सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि  प्रधानमंत्री  द्वारा मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने एवं मत्स्य उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि हेतु वर्ष 2020-21 से 05 वर्षों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की गई है। 


उन्होंने बताया कि उक्त योजना के अंतर्गत निजी भूमि पर तालाब निर्माण, फिश सीड रियरिंग इकाई का निर्माण, मोटरसाइकिल विद आइस बॉक्स, साइकिल विद आइस बॉक्स, 8 टैंक क्षमता आर0ए0एस0, 06 टैंक क्षमता आर0ए0एस0, 100 क्यू0मी0 क्षमता आर0ए0एस0,  बायोफ्लॉक, निजी भूमि पर तालाब निर्माण पंगेशियस पालन हेतु, कियोस्क, लाइव फिश वेडिंग सेंटर, मत्स्य बीज हैजरी आदि योजनाएं संचालित करने हेतु केंद्रांश/राज्यांश के रूप में सामान्य एवं अन्य पिछड़े वर्ग के आवेदकों को 40% तथा सभी श्रेणी की महिला एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को इकाई लागत के सापेक्ष 60% अनुदान दिया जाएगा। 


बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी डा. अंकुर लाठर, जिला विकास अधिकारी तेजभान सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए आशुतोष दूबे, डीसी एनआरएलएम, सहायक निदेशक मत्स्य, जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य संबंधित मौजूद रहे।

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