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अग्निपथ भर्ती योजना राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रहित को दरकिनार कर मोदी सरकार के द्वारा युवाओं को है अंधकारमय भविष्य की योजना : प्रमोद तिवारी



कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व सीडब्लूसी मेंम्बर प्रमोद तिवारी ने अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ युवाओं के आंदोलन को कांग्रेस की ओर से नैतिक व लोकंतात्रिक समर्थन का किया एलान

गौरव तिवारी

लालगंज,प्रतापगढ़:  कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने अग्निपथ भर्ती योजना को राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हेतु के विपरीत ठहराते हुए देश के नौजावानों के लिए मोदी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा अन्यायकारी कदम ठहराया है। 


राज्यसभा सांसद एवं पार्टी की केन्द्रीय कार्यसमिति के वरिष्ठ सदस्य प्रमोद तिवारी ने साफ एलान किया है कि कांग्रेस पार्टी युवाओं की अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर जताये जा रहे विरोध का लोकतंात्रिक व नैतिक समर्थन करती है। 


श्री तिवारी ने इस सैन्य भर्ती योजना को लेकर देश के कोने कोने में बड़े पैमाने पर युवाओं के सड़क पर उतर कर भारी रोष जताये जाने के बीच युवाओं से शांति एवं सयम का रास्ता अपनाये जाने का आवाहन किया है।


 श्री तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीति केन्द्र सरकार से यह सवाल उठाया है कि आखिर वह देश को बताये कि अग्निपथ भर्ती योजना को लाये जाने की आवश्यकता उसे क्यों पड़ी है। 


राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार से कहा है कि देश की फौज दुनिया की सबसे बहादुर और सर्वोत्तम जबाज सेना की साख रखती है। 


बकौल प्रमोद तिवारी अग्निपथ योजना में देश के लिए मर मिटने वाले जाबाज युवाओं को पहला साल तो ट्रेनिंग में बीतेगा और तीसरी तथा चैथे साल में ही इन बहादुर नौजावानों को अपने भविष्य को लेकर होने वाली चिंता की मार्मिक पीड़ा से असहनीय वेंदना का सामना करना पड़ेगा।


 कांग्रेस संासद प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि जब देश का सैनिक अपने भविष्य को असुरक्षित महसूस करेगा तो वह देश की सुरक्षा में किस मनोबल से अपना जीवन समर्पित करने का जोखिम उठायेगा। 


मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल के हवाले से रविवार को यहां जारी अपने बयान में सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि चार साल का सैनिक जीवन का शौर्य भरा सफर तय करते हुए पचहत्तर प्रतिशत युवा सेना से रिटायर्ड होगे तो यह सेना के फाउडिंग प्रिंसिपल के साथ खिलवाड़ व घातक होगा। 


केन्द्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने अग्निवीर के पास वेतन के स्थायी सुविधा न होने तथा मेडिकल और न परिवार की शिक्षा की व्यवस्था तक न होने को सैन्य क्षेत्र में मोदी सरकार द्वारा एक बड़ी विफलता को थोपे जाने का अविवेक पूर्ण फैसला ठहराया है। 


वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा है कि देश के नौजवानो का गुस्सा आखिर क्यों न हो जब इस भर्ती योजना के तहत इंटर मीडिएट की शैक्षिक योग्यता रखने वाले नवजावान न तो स्नातक अथवा इंजीनिरिंग या फिर किसी डिप्लोमा का ही अपने भविष्य की सुरक्षा का अवसर प्राप्त कर सकेगे। 


उन्होने कहा है कि मोदी सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना के तहत देश के नवजवानों का भविष्य अधंकारमय व असुरक्षित कर दिया है। 


कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर जबरदस्त करारे तंज के साथ कहा कि जिन पीएम मोदी ने वन रैंक, वन पेंशन का उद्घोष किया था अब अग्निपथ योजना के जरिये वह नो रैंक, नो पेंशन और चार साल की सेवा के बाद जवान को रिटायरमेण्ट का टेंशन ही टेंशन देने पर अमादा है। 


श्री तिवारी ने कहा कि जिस तरह से एक साल से अधिक समय तक किसानों ने अपने हक के लिए सयम व शांति से विरोध प्रदर्शन कर तीन कृषि काले कानूनों को वापस कराये जाने में सरकार से जीत हासिल की, बकौल प्रमोद तिवारी उसी तरह मोदी सरकार को अग्निपथ भर्ती योजना के इस राष्ट्रहित के खिलाफ फैसले को नौजवानों का अंादोलन वापस कराये जाने में भी जीत हासिल करेंगा। 


उन्होने देश की सुरक्षा से जुड़ें इस गम्भीर प्रकरण को मोदी सरकार से हल्के में न लेने की पुरजोर अपील करते हुए फौरन इस योजना को वापस लिये जाने पर जोर दिया है। राज्य सभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार से बिना विपक्षी दलों से विचार विमर्श किये इस योजना को लेकर सांसद का सत्र आहूत करके फौरन व्यापक पैमाने पर चर्चा भी कराये जाने की आवाज उठाई है। 


श्री तिवारी ने कहा कि किसान आंदोलन के साथ देशहित के खिलाफ अग्निपथ योजना का राष्ट्रहित में विरोध कर रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी और पुलिस के अनुचित दबाव को भी मोदी सरकार की अब तक सबसे बड़ी हताशा करार दिया है।


 श्री तिवारी ने साफ कहा है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार विपक्ष के नेताओं के खिलाफ तो केन्द्रीय एजेन्सियों का खुला दुरपयोग कर रही है। 


वही दूसरी ओर हेमंत बिस्वा शर्मा जैसे लोगों को भाजपा में शामिल होते ही ईडी की तरफ से क्लीन चिट दिया जाना सरकार की बदनियति का सबसे बड़ा उदाहरण है ।

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