रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। सरयू नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए अब संस्थाओं ने लोगों से अपील व सरकार से मांग शुरू की है।
अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व अनुभूति साहित्यिक, सांस्कृतिक,सामाजिक ट्रस्ट के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने सरयू नदी के अस्तित्व को लेकर वस्तु विषय पर व्यापक अध्धयन करने के उपरांत कहा कि सरयू नदी का अस्तित्व तभी बच सकता है ।
जब कटी बांध पर बैराज बनाकर घाघरा नदी से पानी छोड़ने का इंतजाम किया जाय। उन्होंने कहा कि बहुत पहले जब कटी बांध नही बंधा था तो इसमें घाघरा से ही पानी आता था मगर पानी इतना आ जाता था कि क्षेत्र में बाढ़ आ जाती थी।
बाढ़ की रोक थाम के लिये बांध बना था। बाढ़ तो रुकी लेकिन सरयू का अस्तित्व खत्म हो गया। साथ ही घाघरा में बरसात में पानी मे का दबाव काफी बढ़ गया जिससे उधर बाढ़ का दायरा बढ़ गया।
उन्होंने कहा कि जहां बांध बनाया गया वहां बैराज बनाया जाता तो जितने पानी की सरयू के अस्तित्व के लिये आवश्यक होता उसे बैराज से पानी छोड़ दिया जाता।
बैराज से सरयू का अस्तित्व बच जाता, दूसरा घाघरा नदी के क्षेत्र में बरसात में पानी के दबाव को कम करने में मदद मिलती। कई संस्थाएं सरयू नदी के स्वच्छता का अभियान भी अनवरत चला रही है।
जबकि सरयू नदी में जल बहाव नहीं है इसलिये भी सफाई की दिक्कत होती है। यदि नदी में पानी छोड़ा जाने लगे तो जल बहाव रहेगा, सरयू स्वतः साफ होती रहेगी।
सरयू के अस्तित्व की चिंता करने वाले लोगो व सफाई का अभियान चलाने वाले लोगो से अनुरोध किया है कि वो कटी पर बैराज के लिये प्रयास करें।
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