रजनीश/ ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा में साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो शुक्रवार को एल्गिन-चरसडी पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
घाघरा नदी अपना रौद्र रूप दिखा सकती है। पहाड़ों पर झमाझम बारिश के बाद नेपाली नदियां उफना गई हैं।
नदियों से आने वाले पानी को बैराजों से छोड़े जाने का सिलसिला तेज हो गया है।
गुरुवार की सुबह जिले के तीनों बैराजों से तीन लाख 47 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नतीजतन घाघरा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
एल्गिन ब्रिज पर घाघरा लाल निशान को छूने से मात्र 22 सेमी नीचे है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अमरेश सिंह ने बताया कि गुरुवार को शारदा, सरयू व गिरिजा वैराजों से कुल 3 लाख 47 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
पहाड़ों पर भारी बारिश से घाघरा नदी का जलस्तर हर घंटे दो सेमी बढ़ रहा है। बीते 12 घंटे में इस नदी के जलस्तर में 27 सेमी इजाफा हुआ है।
गुरुवार सुबह आठ बजे केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी अब लाल निशान से 22 सेमी दूर रह गई है। लोगों की माने तो गुरुवार की देर रात घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगा।
इससे जिले के माझा क्षेत्रों के लोगों बेचैनी बढीं है। वहीं बंधे के अंदर दो दर्जन से अधिक गांव व मजरे बाढ़ से घिरे हैं।
यहां के सैकड़ो की संख्या में पीड़ित जरूरी सामानों व पशुओं समेत बंधे पर ठौर लिये है। आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी डेंजर लेवल 106.07 मीटर के सापेक्ष 105.856 मीटर पर बह रही है।
बाढ खंड के एक्सईएन वीएन शुक्ला का कहना है कि सभी बंधे सुरक्षित है, नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
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