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नहरों में पानी की उपलब्धता न होने तथा बिजली कटौती पर सीएलपी नेता मोना व सांसद प्रमोद तिवारी ने सरकार पर बोला हमला



गौरव तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़।  जिले की रामपुर खास की विधायक एवं कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना तथा राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने सूखे के बने हालात के बावजूद नहरों मे पानी की उपलब्धता नही हो पाने को कृषि क्षेत्र के लिए चिंताजनक करार दिया है। 


विधायक आराधना मिश्रा मोना तथा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि मानसून के दौरान अभी तक प्रतापगढ़ जिले मे बरसात नगण्य ही है। 


नेताद्वय ने बारिश न होने के कारण किसानों की धान की रोपाई सिंचाई के अभाव में नही हो पाने को फसल पैदावार क्षेत्र के लिए कडी चुनौती भी कहा है। 


नहरों मे पानी न होने की समस्या को लेकर विधायक आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतन्त्रदेव सिंह से भी किये गये अनुरोध के तहत सरकार से नहरों में पानी छोड़े जाने को लेकर अविलम्ब कदम उठाये जाने को कहा है। 


आराधना मिश्रा मोना तथा प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यदि अब थोड़ा बहुत बरसात हो भी जाती है तो किसानों को सही समय पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण उनकी फसल की पैदावार को लेकर नुकसान की भरपाई कर पाना गहरी त्रासदी ही है। 


वहीं सीएलपी नेता मोना तथा सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रदेश के ग्रामीण अंचलों मे इस समय भीषण गर्मी तथा कृषि क्षेत्र को सबसे बड़ी आवश्यकता के बावजूद बिजली आपूर्ति की भी लचर व्यवस्था को सरकार के कुप्रबंधन का दुखदायी पहलू ठहराया है। 


बुधवार को यहां जारी संयुक्त बयान में कांग्रेस विधायक मोना तथा राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि बिजली की लगातार आवाजाही और सरकार के वायदे के मुताबिक मानक के अनुरूप आपूर्ति व्यवस्था का पंगु हो जाना किसानों तथा छात्र छात्राओं व आम नागरिकों के साथ छलावा है।  


तिवारी एवं आराधना मिश्रा मोना ने सूबे की सरकार पर जनता की समस्याओं की अनदेखी पर कड़ा तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश के लोग बिजली व पानी की समस्या से त्राहि त्राहि कर रहे हैं और सरकार तथा उसकी मशीनरी यूपी में स्थानांतरण उद्योग के गोरखधंधे मे मस्त है। 


इधर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने डालर के मुकाबले रूपये मे लगातार गिरावट को भी अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक ठहराते हुए कहा कि आठ साल में रूपये का छत्तीस फीसदी डालर के मुकाबले कमजोर होना मोदी सरकार के अविवेकपूर्ण आर्थिक गैर जरूरी फैसलो की देन है। 


उन्होनें घरेलू मुद्रा के कमजोर होने पर भी मोदी सरकार को गैर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वह चंद पूंजीपतियों को खुश रखने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों पर जबरिया शुल्क थोप रही है।


तिवारी ने कहा कि आम आदमी डीजल व पेट्रोल के दामों मे मंहगाई से परेशान है तो वहीं सरकार और उसके पूंजीपति मित्र करोडो रूपये की कमाई के साथ रोजमर्रा की जरूरत के घरेलू खाने पीने के सामान पर भी अठारह प्रतिशत जीएसटी का भयावह बोझ लाद रही है।  


तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार मंहगाई समेत देश से जुडे मुददो पर निरूत्तर होने के कारण संसद के मानसून सत्र में विपक्ष की इन मुददों पर चर्चा कराए जाने की मांग को भी इसीलिए स्वीकार करने का नैतिक साहस नही जुटा पा रही है। 


कांग्रेस कार्यसमिति के वरिष्ठ सदस्य प्रमोद तिवारी एवं विधायक मोना का संयुक्त बयान यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत किया गया।

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