वासुदेव यादव
अयाेध्या। आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया काे धर्मनगरी अयाेध्या में बड़े ही भव्यता व धूमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। इस यात्रा में भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार हाेकर नगरी भ्रमण काे निकले, जिनका दर्शन कर सम्पूर्ण अयाेध्यावासी व भक्तगण धन्य हुए। पिछले कई वर्षों से रामनगरी के कुछ प्रमुख मन्दिराें से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा जा रही हैं। जाे वहां का परम्परागत कार्यक्रम है। इसी कड़ी में रामकाेट स्थित प्राचीनतम जगन्नाथ मंदिर भगवान की रथयात्रा गाजे-बाजे और हाथी घाेड़े के साथ निकाली गई। यात्रा की भव्यता देखते हुए बन रही थी। दूर-दराज से आए भक्तगण धार्मिक गीताें पर थिरकने काे मजबूर दिखे। मन्दिर से पूरी अयाेध्यानगरी का माहाैल भक्तिमय रंगाें में रंग रहा।
यहां पर भगवान जगन्नाथ की यात्रा मन्दिर से प्रारम्भ हाेकर हनुमानगढ़ी, तुलसी स्मारक भवन, तपस्वी छावनी, रामघाट चाैराहा, दीनबन्धु चाैराहा हाेते हुए संत तुलसीदास घाट स्थित सरयू तट पहुंची। जहां भगवान जगन्नाथ व उनके भाई-बहन काे मां सरयू का जल आचमन कराया गया। साथ ही साथ वहां भगवान क्रीड़ा भी किए। पुन: यह यात्रा सरयू तट से अपने गन्तव्य मन्दिर काे वापस लाैटी। जहां देररात्रि तक उत्सव जैसा माहाैल चलता रहा।
इस माैके मन्दिर के महन्त राघव दास महाराज ने बताया कि सायंकाल आश्रम में भगवान की मनमाेहक फूल-बंगला झांकी भी सजायी गई। रथयात्रा का कार्यक्रम मन्दिर का परम्परागत कार्यक्रम है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण सम्मिलित हाेकर पुण्य के भागीदार बनते हैं।
वहीं प्रसिद्ध रामकचहरी चारों धाम रामकाेट मन्दिर से भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। जाे नगरी के मुख्य मार्गाें से हाेते हुए सरयू तट पहुंची। उसके बाद पुन: गन्तव्य काे वापस लाैटी। रथयात्रा काे महन्त शशिकान्त दास महाराज ने अपनी सानिध्यता प्रदान की। यात्रा में भक्ताें का भारी हुजूम देखते हुए बन रहा था। रथयात्रा में गाजे-बाजे व हाथी-घाेड़े शामिल रहे।
इस माैके पर महन्त बैजू दास, महन्त मनीष दास, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता व रामचन्द्र यादव, भाजपा नेता अभिषेक मिश्रा आदि माैजूद रहे। इसी प्रकार चक्रवर्ती सम्राट महाराजा दशरथ के राजमहल बड़ा स्थान से विन्दुगाद्याचार्य महन्त देवेन्द्रप्रसादाचार्य महाराज के निर्देशन में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली। जाे प्रमुख रास्ताें से हाेते हुए सरयू तट पहुंची। पुन: वहां से वापस मन्दिर काे लाैटी। इस अवसर पर मन्दिर में अनेकों धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इसके अलावा रामनगरी के अन्य मन्दिराें से भी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथयात्रा निकली।
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