वासुदेव यादव
अयाेध्या। प्रति वर्षाें की भांति इस वर्ष भी आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर, सिद्धपीठ दशरथ महल बड़ास्थान में भव्य फूल-बंगला झांकी सजायी गई। झांकी काे महल के विन्दुगाद्याचार्य महन्त देवेन्द्र प्रसादाचार्य महाराज ने अपनी सानिध्यता प्रदान की। सायंकाल आरती-पूजन के बाद भगवान के पट खाेले गए।
फूल-बंगले में बिराजे भगवान राम-सीता की मनमाेहक और लुभावनी झांकी का दर्शन करने के लिए आश्रम में भक्ताें का तांता लगा रहा। इसका सिलसिला सायंकाल से लेकर देररात्रि तक चला। भक्त बारी-बारी से भगवान की झांकी का दर्शन कर धन्य हो रहे थे। भांति-भांति के सुन्दर पुष्पों से पूरा मन्दिर परिसर आच्छादित हाे रहा था। फूल-बंगला के माैके पर आयाेजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय नामचीन गायकाें ने अपनी गायकी से समां बांध दी।
इस अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महन्त नृत्यगाेपाल दास, पूर्व सांसद रामविलास वेदान्ती, दिगम्बर अखाड़ा के महन्त सुरेश दास, रसिक पीठाधीश्वर महन्त जन्मेजय शरण, स्वामी रामदिनेशाचार्य, सियाराम किला के महन्त करुणानिधान शरण, आचार्य पीठ तपस्वी छावनी के महन्त परमहंसदास दास, निर्माेही अखाड़ा महन्त दिनेन्द्र दास, रामहर्षण कुंज महन्त अयाेध्या दास, बड़ाभक्तमाल महन्त अवधेश दास, संत कृपालु रामभूषण, चाैबुर्जी महन्त बृजमाेहन दास, महन्त रामभजन दास, डॉ. सुनीता शास्त्री, महन्त कमलादास रामायणी, राघवेश दास वेदान्ती, नागा रामलखन दास आदि संत-महंत व भक्तगण माैजूद रहे।
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