ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। गुरूवार को देवीपाटन मण्डल के आयुक्त महेन्द्र कुमार स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत देखने के लिए अचानक जिला अस्पताल पहुंच गए। आयुक्त के जिला अस्पताल पहुंचते ही आफरा-तफरी मच गई।
वहां पहुंचकर आयुक्त ने सबसे पहले डाक्टरों की उपस्थिति पंजिका चेक की। डाक्टर मौजूद तो मिले पर उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं किये थे। इसके बाद आयुक्त ने इमरजेन्सी वार्ड, सर्जिकल वार्ड, ट्रामा वार्ड, ईएनटी वार्ड, पुरूष वार्ड का निरीक्षण किया। पुरूष वार्ड में उन्हें पंखा खराब हालत में मिला। इस पर उन्होंने अपर निदेशक को वहीं पर डांट लगाते हुए तत्काल पंखा ठीक कराने के निर्देश दिए।
इसके बाद वे सीधे दवा काउन्टर पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने मरीजों एवं उनके तीमारदारों से दवाओं के बारे में पूछा कि उन्हें दवाइयां बाहर से तो नहीं लेनी पड़ती हैं। इसके बाद पर्चा काउन्टर पर पहुंचे और पंजीकरण रजिस्टर को देखा तो उस वक्त तक साढ़े छह सौ मरीजों का पंजीकरण हो चुका था।
आईसीयू में पहुंचने पर ज्ञात हुआ कि आईसी संचालित नहीं हो रहा है और एक्स-रे मशीन भी दो दिन से खराब है। इस पर आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों से पूछा कि आप क्या कर रहे हो। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि एक्स-रे मशीन तत्काल ठीक कराई जाय और जितनी जल्दी हो सके आईसी वार्ड चालू कराया जिससे मरीजों को सरकार की मंशानुसार लाभ मिल सके।
इस दौरान अपर निदेशक स्वास्थ्य देवीपाटन मण्डल डा. रतन कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल, आयुक्त के ओएसडी रक्षाराम वर्मा सहित अन्य डाक्टर व कर्मचारी रहे।
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