अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर प्रभु ईसा मसीह को श्रद्धांजलि दी गई ।
18 अप्रैल, 2025 को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कालेज में ‘‘गुड फ्राइडे‘‘ मनाया गया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी, उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय व प्रदीप श्रीवास्तव सहित विद्यालय के अध्यापक अध्यापिकाओं ने प्रभु यीशु मसीह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर व मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी। प्रबन्ध निदेशक ने उपस्थित सभी बच्चों को बताया कि गुड फ्राइडे का ईसाई धर्म में काफी महत्व होता है। इस दिन को ईसाई धर्म के अनुयायी शोक दिवस के रूप में मनाते है। गिरजाघर मे जाकर प्रभु यीशु को याद करते है और उनके दिखाएं गए मार्गपथ पर चलने का संकल्प लेते है। ऐसा माना जाता है कि येरूशलम प्रांत में ईसा मसीह लोगों के मानव जीवन के कल्याण के लिए उपदेश दे रहे थे। जिसे सुनने के बाद लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे थे। लेकिन कुछ धर्मगुरू उनसे चिढ़ते थे और जलते थे। लेकिन ईसा मसीह ने लोगों के दिलों में अलग की जगह बना ली थी। अन्य धर्मगुरूओं द्वारा रोम के शाम पिलातुस से शिकायत कर दी। कहा कि यह अपने आपको ईश्वर पुत्र बता रहे है। शिकायत के बाद उन पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया गया। उन्हें क्रूज पर मृत्युदंड देने का फरमान जारी किया। कीलों की मदद से उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। इतिहास के मुताबिक उन्हें गोलागोथा नामक सूली पर चढ़ाया गया था और उसके बाद उनकी मृत्यु हो गयी थी। यह दिन इसलिए मनाया जाता है क्योंकि जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया उस दिन गुड फ्राइडे था। ऐसी ह्रदयद्रावक घटना जब ईसा मसीह ने आत्मबलिदान किया था। यह घटना शुक्रवार को घटित हुई थी। इस घटना से उनकी स्मृति में पुण्य शुक्रवार यानी गुड फ्राइडे का पर्व मनाया जाने लगा। इस घटना की पुनीत स्मृति में संसार भर में ईसाई बड़े ही प्रेम और श्रद्धा के साथ इस पर्व को मनाते है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक के साथ उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, प्रदीप श्रीवास्तव सहित राघवेन्द्र त्रिपाठी (एक्टीविटी इंचार्ज), एके तिवारी, एके शुक्ला, विजय शंकर, हर्षित यादव, उर्वशी शुक्ला सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं ने अंत में दो मिनट का मौन रखकर प्रभु यीशु मसीह को श्रद्धांजलि दी।
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