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बसंत उत्सव के पर्व पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रम, पूजी गई वीणा वादिनी मां सरस्वती


शिवेश शुक्ला 
प्रतापगढ़ । बसंत उत्सव के पर्व  पर जिले में विविध कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही वीणावादिनी मां सरस्वती का पूजन अर्चन विधि-विधान से किया गया। शहर के सुरमयी  संगीत विद्यालय सहित विभिन्न विद्यालयों में जहां मां सरस्वती की पूजन अर्चन कर विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए ,वहीं पर शहर में प्रत्येक वर्षों की भाति होने वाला ऐतिहासिक कार्यक्रम यश भारती पुरस्कार से अलंकृत वरिष्ठ संगीतज्ञ डॉ शिवानी माताहेलिया के आयोजकत्व में उनके निज आवास पर बसंत उत्सव के पर्व पर विविध कार्यक्रम के आयोजन के साथ ही मां सरस्वती का विधि विधान से पूजन अर्चन कर आराधना की गई ।
इस मौके पर भारी संख्या में संगीत के छात्र-छात्राओं सहित समाजसेवी व जिले के जाने-माने लोग मौजूद रहे । इस दौरान वरिष्ठ संगीतज्ञ डॉ शिवानी जी ने कहा कि माघ का महीना लगते ही शरद ऋतु समाप्ति की ओर होता है । पेड़−पौधे पर नई कोंपलें और कलियां दिखने लगती हैं।सुवासित वातावरण में सभी को इंतजार होता है बसंत पंचमी का। यानी वह दिन जो हिंदू परम्परा के अनुसार मां सरस्वती को समर्पित है। यह दिन होली के आगमन का भी दिन माना जाता है ,जिसके चलते कार्यक्रम में पहुंचे लोगों के माथे पर अबीर लगाकर उन्हें शुभकामनाएं दी जा रही। इस मौके पर संगीत के क्षेत्रों में मुकाम  हासिल कर रहे छात्र-छात्राओं ने अपनी कला का प्रदर्शन कर विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसको लोगों ने जमकर सराहा और कार्यक्रम की प्रशंसा की । बसंत पंचमी पर पीले रंग का वस्त्र पहनना विशेष महत्व  होने के चलते कार्यक्रम में भागीदारी निभा रहे सभी छात्र - छात्राओं ने पीले रंग के ही वस्त्र धारण कर कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी ।  कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ साहित्यकार कवि श्याम शुक्ल श्याम ,समाजसेवी रोशन लाल उमरवैश्य ,भाजपा पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी ,मां हर हर गंगे सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय शुक्ला ,आनंद सोनी ,रवि, हिमांशु शुक्ल , शिक्षिका अनुपमा पांडेय, अर्पित खंडेलवाल ,इंद्र प्रताप सिंह, सहित भारी संख्या  सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों ने कार्यक्रम में शामिल होकर मां सरस्वती का पूजन अर्चन किया वहीं परसिंथेसाइजर -ऋषभ कुमार ,तबला -विकास कुमार, तानपुरा- आराधना सरोज, नित्या शुक्ला और पूजा प्रजापति, हारमोनियम- प्राची दुबे ,शंख- विजय पांडेय और सूर्य प्रकाश मिश्र, मृदंग -लिटिल ,ढोलक- सुरेंद्र ,घुंघरू -पूजा और लक्ष्मी, घंटा -नीरज विश्वकर्मा और आदित्य ,मजीरा -धीरज सिंह और प्रभाकर पांडेय  की प्रस्तुति अत्यंत सराहनीय और प्रशंसनीय रही ।

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