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अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर मिडिया के साथ महिला हिंसा व बाल विवाह पर परिचर्चा आयोजित

 


महिलाओं पर हिंसा रोके विना समाज का विकास सम्भव नहीं: नसीम अंसारी

हर दो मिनट पर एक महिला हिंसा की शिकार होती है।

 प्रतापगढ़: महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा रोके विना समाज का विकास सम्भव नहीं। इसके लिए महिलाओं को निर्णय में शामिल करने व अपनी पसन्द व्यक्त करने का अवसर देना होगा। उक्त विचार 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवारा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 10 दिसम्बर के अवसर पर आयोजित परिचर्चा में तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने व्यक्त किया । 

     श्री अंसारी ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा में लगातार वृद्धि हो रही है। आज हमारे देश में एक घंटे में 26 यानी हर दो मिनट पर महिलाओं के ऊपर होने वाली एक हिंसा का मामला दर्ज होता है, जबकि वास्तविकता इससे कहीं और ज्यादा है। श्री अंसारी के अनुसार देश में आईपीसी0 की धारा 498-ए के तहत पति और रिश्तेदारों द्वारा किसी भी महिला को शारीरिक या मानसिक रुप से चोट पहुंचाना देश में सबसे अधिक होने वाला अपराध है। इसी तरह धारा 354 के तहत किसी भी महिला की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना जैसी वारदातें देश में होने वाला दूसरा सबसे अधिक अपराध है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 70 फीसदी महिलाओं ने अपने अंतरंग साथी से उनके जीवन में शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है।

     अक्सफाम इंडिया, सहयोग व तरुण चेतना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस परिचर्चा के अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक संतोष चतुर्वेदी ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक अपराध अपराध है, जिसे हम सब को मिल कर रोकना होगा. बाल विवाह हो जाने से जहाँ बाल अधिकार समाप्त हो जाते है वहीँ एक बेटी का सारा विकास भी रुक जाता है. श्री चतुर्वेदी ने बाते कि बाल विवाह रोकने के लिए केंद्र सरकार विवाह की कानूनी आयु बढाने पर विचर कर रही है जबकि अभियान के दौरान ज्यादातर अभिभावकों का कहना था कि कानूनी आयु बढ़ाने के बजाय  बेटियों को सशक्त बनाईये और आगे बढ़ाइये, बाल विवाह अपने आप रुक जायेगा. परिचर्चा में पत्रकारों ने भी कहा कि शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने के बदले बेटियों को आगे बढ़ाना चाहिए इससे बालविवाह रुकेगा। 

   इस अवसर पर राकेश गिरि ने कहा कि आज महिलाएं अपने घर की बंदिशों को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं मगर हमें उन्हें अवसर देना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण व अधिकार पाने में उनके समक्ष लिंग भेद व महिला हिंसा जैसी अनेक चुनौतियां है, जिसके लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि जिले में कहीं भी बाल विवाह होने की सूचना मिले तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सूचना दें.   

   इस अवसर पर विभिन्न पत्र प्रतिनिधियों के आलावा मो० समीम, मुजम्मिल हुसैन, शकुंतला व चाइल्डलाइन प्रतापगढ़ के भी प्रतिनिधि उपस्थिति रहे .

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