Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

अमेठी वासियों से 2019 में किए गये वादे को किया पूरा

 
मेडिकल कॉलेज के रूप में दिए सौगात 
अलीम खान
अमेठी : लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी वासियों से किए गए वादे को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची. जहां उन्होंने जिला मुख्यालय गौरीगंज से करीब 3 किलोमीटर दूर मेदू मवई गांव की फूलमती देवी से .134 हेक्टेयर करीब 11 बिस्वा जमीन का बैनामा करवाया, जहां स्मृति का बंगला बनेगा. दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान स्मृति ने कहा था कि अगर वह चुनाव जीती तो अमेठी में वह अपना घर बनाएंगी जिससे कि आम जनता को उनसे मिलने के लिए दिल्ली तक नहीं जाना पड़ेगा और वह अपने सांसद से अपने संसदीय क्षेत्र में ही मुलाकात कर लेंगे. आज उसी सपने को मूर्त रूप देने के लिए स्मृति ईरानी अमेठी पहुंची जहां उन्होंने कलक्ट्रेट स्थित उप निबंधक कार्यालय में 11 बिस्वा जमीन का बैनामा करवाया. 


बता दें कि कलेक्ट्रेट पहुंचने पर तहसील के अधिवक्ताओं ने भी स्मृति से मुलाकात की और अमेठी में जल्द दीवानी न्यायालय संचालित करवाने की मांग की. इस दौरान इस स्मृति ने वहां मौजूद एक अधिवक्ता से कोविड-19 का पालन करते हुए मास्क लगाने की नसीहत भी दी और अधिवक्ताओं के साथ चाय की चुस्कियां भी ली. वहीं जमीन का बैनामा करवाने के बाद स्मृति ने कहा कि अमेठी में 30 साल बाद मुझे मेडिकल कॉलेज बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. अमेठी में बाईपास बन रहा है और अमेठी में सैनिक स्कूल भी हो गया है जो केंद्र और प्रदेश सरकार के समन्वय से अमेठी को सौगात मिली है.
वहीं अमेठी के पूर्व सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए स्मृति ने कहा कि अमेठी का सांसद आज तक अमेठी में कभी अपना घर बना कर नहीं रहा. आज तक मैं अमेठी में किराए के मकान में रह रही थी लेकिन आज मेरा सौभाग्य है कि अमेठी में मेरा घर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर पा रही हूँ और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू होगा. गांव के सभी नागरिकों की अभिलाषा थी कि भूमि पूजन के दिन घर के उस प्रांगण में स्वयं पधारें और आशीर्वाद दें. आज मैंने सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से कहा है कि भूमि पूजन के दिन गांव के सभी नागरिकों को आमंत्रित करें जिससे कि शिलान्यास के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित रहेंगे. अमेठी का जितना प्रेम और जितना आशीर्वाद मुझे मिला उसके पीछे लोगों की मंशा यह थी कि कम से कम सांसद जो है वह उपलब्ध रहे. कोरोना काल मे मैंने न्याय पंचायत वार पंचायत लगाई ताकि लोगों को जिला मुख्यालय तक ना आना पड़े. मैं स्वयं 'दीदी आपके द्वार कार्यक्रम' के माध्यम से जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ हर बार गांव जाती हूं. जनता के मन में जो प्रश्न था कि क्या कभी अमेठी का ऐसा सांसद होगा जो लोगों के पास पहुंचेगा।जनता के मन मे एक सवाल था कि क्या कभी कोई ऐसा सांसद होगा जो अपने संसदीय कार्यकाल में गांव खेड़े तक पहुँचेगा मैं खुशनसीब हूँ कि उस अभिलाषा को भी मैं पूर्ण कर रही हूँ. 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे