शासन में धूल फांक रही बालपुर रिपोर्टिंग चौकी को थाना बनाने के प्रस्ताव की फाइल
चौकी क्षेत्र में शामिल हैं 23 ग्राम पंचायतों के 200 मजरे
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। मंडल मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर गोण्डा-लखनऊ नेशनल हाईवे पर स्थित बालपुर रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर 16 साल में एक भी मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। वहीं दूसरी तरफ इस चौकी को थाना बनाने के प्रस्ताव की फाइल शासन में धूल फांक रही है।
यह पढ़कर शायद आपको सहज ही विश्वास न हो, लेकिन बात सोलह आने सच है। जनसुविधाओं एवं लोगों को आ रही दुश्वारियों के मद्देनजर करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के बालपुर कस्बे में रिपोर्टिंग पुलिस चौकी की स्थापना की गई। इसके पीछे महकमे की मंशा भी साफ थी। लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर करनैलगंज जाना पड़ता था, जिससे उन्हें तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
इसलिए बालपुर में रिपोर्टिंग चौकी स्थापित की गई, जिससे लोग यहीं पर अपनी समस्याएं लेकर आएं और जरूरत पड़ने पर मुकदमा भी दर्ज करा सकें। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर बालपुर रिपोर्टिंग पुलिस चौकी पर मौजूदा समय में एक उपनिरीक्षक सहित 12 कांस्टेबल तैनात हैं।
इनके कंधों पर 23 ग्राम पंचायतों के 200 मजरों में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है। बताया जाता है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं आम लोगों की मांग पर वर्ष 2010 में बालपुर पुलिस चौकी को उच्चीकृत कर थाना बनाने का प्रस्ताव पुलिस अधीक्षक के यहां से शासन को भेजा गया था।
करीब 11 साल गुजर गए लेकिन फाइल जस की तस पड़ी हुई है। शासन में दबी थाना बनाने के प्रस्ताव की फाइल धूल फांक रही है।
यहां चौंकाने वाली बात तो यह है कि रिपोर्टिंग पुलिस चौकी होने के बावजूद 16 साल में एक भी रिपोर्ट नहीं दर्ज हुई है। फरियादियों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए 15 किलोमीटर का चक्कर लगाकर करनैलगंज कोतवाली जाना पड़ता है।
बताते हैं कि यदि कोई पीड़ित कोतवाली पहुंच जाता है तो वहां के जिम्मेदार यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हैं कि अपनी चौकी पर जाओ। यदि मामला गंभीर है तो फिर 15 किलोमीटर दूर कोतवाली वापस जाना पड़ता है। काफी दिनों से यह मांग की जा रही है कि या तो बालपुर चौकी पर रिपोर्ट दर्ज हो या फिर इसे थाने का दर्जा दिलाया जाय।
अधिकारियों में मतभेद के चलते नहीं लिखी जा रही रिपोर्ट
बालपुर के प्रधान प्रतिनिधि भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि बालपुर चौकी पर पहले रिपोर्ट लिखी जाती थी। करीब 16 साल पहले पुलिस अधिकारियों में मतभेद होने के बाद से रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही है।
चौकी क्षेत्र में 23 ग्राम पंचायतों के 200 मजरे आते हैं। कुछ हिस्सा कोतवाली देहात व कुछ हिस्सा कटरा बाजार का मिलाकर थाना बनाने के प्रस्ताव की फाइल शासन में पड़ी है।
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