(धान की तौल कराने के लिए कई दिनों से क्रय केंद्र के चक्कर काट रहे पीड़ित किसान ने केंद्र प्रभारी पर तौल करने के बदले अवैध रूप से प्रति कुंतल 200 रूपये मांगने का आरोप लगाते हुए उपजिलामजिस्ट्रेट से की शिकायत)
कर्नलगंज, गोण्डा। एक ओर जहां जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही द्वारा बीते दिनों धान खरीद केन्द्र पर बरती जा रही मनमानी को लेकर जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित करने की कड़ी चेतावनी दी थी जिसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों पर डीएम का निर्देश भी बेअसर साबित हो रहा है।
वहीं धान क्रय केंद्रों पर जमकर शोषण और अवैध वसूली का खेल बदस्तूर जारी है।
मालूम हो कि एक नवंबर से खुले धान क्रय केंद्रों पर फसल की खरीद की जगह बहानेबाजी की जा रही है,जहां ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर किसानों को तौल की तारीख दी जा रही है।
जब वे फसल लेकर केंद्र पर पहुंचते हैं तो वहां उन्हें कई दिन तक इंतजार कराते हुए न्यायालय की तरह आये दिन तारीख देकर किसानों को लौटाया जा रहा है और किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका आर्थिक एवं मानसिक शोषण भी किया जा रहा है।
जिससे मजबूरी में किसान अपने फसल का निर्धारित सरकारी मूल्य पाने से वंचित होकर औने पौने दाम में बिचौलियों के साथ अपनी फसल बेचने को मजबूर है। जिसका जीता जागता उदाहरण मंडी समिति कर्नलगंज में स्थापित धान क्रय केंद्र का सामने आया है।
जहां धान की तौल कराने के लिए कई दिनों से क्रय केंद्र के चक्कर काट रहे ब्लाक कर्नलगंज के ग्राम पाण्डेय चौरा के निवासी पीड़ित किसान तुलसीराम पुत्र बद्री प्रसाद ने उपजिलामजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि वह धान विक्रय करने हेतु आनलाइन कराकर एक महीने से मंडी समिति कर्नलगंज क्रय केंद्र प्रभारी के चक्कर लगा रहा है। जहां केंद्र प्रभारी ने पहले कहा कि दिनांक 15/11/21 को तौलेंगे फिर कहा कि अब 20 तारीख को और फिर कहा कि 25 तारीख के बाद तौलेंगे। उक्त केंद्र पर जो लोग हमसे बाद में धान तौलने के लिए ले गए उनका धान तौल गया।
केंद्र प्रभारी कह रहे हैं कि दो सौ रुपया कुंतल अगर दो तो तो किसी तरीके से धान तौल जायेगा। प्रार्थी इससे काफी परेशान है और रोज मंडी समिति कर्नलगंज का चक्कर काट रहा है।ऐसी दशा में प्रार्थी का धान तौल कराया जाना न्यायसंगत है।
जिससे पीड़ित किसान ने प्रार्थी का धान तौल कराकर कार्रवाई करने की मांग की है।
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