Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

प्रतापगढ़:आक्सफाम व तरुण चेतना ने मिलकर की बाल विवाह पर फिल्म स्क्रीनिंग


शिक्षा से ही बाल विवाह की समाप्ति संभव है : रन बहादुर वर्मा

शादी की उम्र नहीं बेटियों की शिक्षा बढ़ाएं :कल्पना गौतम

बेटियों को सशक्त बनाना समय की जरुरत :डा० वृजभान सिंह

 एस के शुक्ला

प्रतापगढ़ : 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी अभियान के तहत आज बाल विवाह निषेध व मर्जी बिना शादी नहीं पर चाइल्डलाइन, आक्सफाम इंडिया व तरुण चेतना के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं व किशोरियों के साथ प्रताप बहादुर स्नाकोत्तर महाविद्यालय प्रतापगढ़ सिटी में फिल्म स्क्रीनिंग व परिचर्चा का आयोजन किया गया।



 जिसमें छात्र – छात्राओं ने खुल कर अपनी बात रखी.  इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला प्रोबेशन अधिकारी रन बहादुर वर्मा ने कहा कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा को ख़त्म करने के लिए शिक्षा का बूस्टर डोज लेना जरूरी है. शिक्षा के बल पर ही हमारी बेटियां हर मुश्किल का सामना कर सकती हैं. 


इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में विशेष जांच प्रकोष्ठ के प्रभारी कल्पना गौतम ने चाइल्ड लाइन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जहाँ भी बाल विवाह की सूचना मिले तुरंत चाइल्डलाइन-1098 पर काल करें.  उन्होंने शादी की उम्र के स्थान पर बेटियों को आगे बढ़ाने की जरुरत पर बल दिया. 



 इस अवसर पर महिला कल्याण अधिकारी जया यादव ने सवाल किया कि आखिर  दहेज के कारण क्यों जलाई जाती हैं बेटियां. बेटियों पर यह अत्याचार हम कब तक सहन करेंगें? आईये इसे अब मिलकर बंद करें.

   


 इस अवसर पर एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी सुरेश मिश्रा ने कहा लड़कों की तरह लड़कियों को भी खूब पढ़ाना चाहिए ताकि वे अपने साथ होने वाले भेदभाव और हिंसा का हिसाब ले सकें. इसी क्रम में बाल संरक्षण अधिकारी अभय शुक्ला ने कहा कि शिक्षा के बल पर ही गरीबों की बेटियां अमीरों की बेटियों की तरह आगे बढ़ सकती हैं। 

     


कार्यक्रम के प्रारम्भ में तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी द्वारा बाल विवाह रोकने व शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने सम्बन्धी केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि अच्छी शिक्षा, सुरक्षा व आत्मनिर्भरता से बाल विवाह रुक सकता है.



 श्री अंसारी ने जोर देकर कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाना जरूरत है और इसके लिए सरकार को अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

      


कार्यक्रम की शुरुआत में छात्र–छात्राओं को बाल विवाह और जेंडर समानता पर आधारित तेज़ाब और बिटिया बनी डाक्टर फिल्म के माध्यम से बालिका सुरक्षा और जेंडर समानता पर समझ बनायी गयी, जिसके उपरांत कई छात्र – छात्राओं ने अपने विचार रखे. इसी क्रम में छात्रा प्राची जायसवाल ने पितृसत्तात्मक समाज से सवाल किया कि आखिर लड़के और लड़कियों मे भेदभाव क्यों किया जाता है.



 इस अवसर पर दीक्षा पाण्डेय ने कहा कि हमें भी बेटों की तरह शिक्षा और समानता का अधिकार चाहिए जिसमें लड़कियां अपनी हिम्मत के बल पर हिंसा पर विजय पा सकें. भावना यादव ने कहा लड़कों की तरह लड़कियों को भी खूब पढ़ाना चाहिए ताकि वे अपने साथ होने वाले भेदभाव और हिंसा का हिसाब ले सकें.


 इसी क्रम में नितिन ने कहा कि शिक्षा के बल पर ही गरीबों की बेटियां अमीरों की बेटियों की तरह आगे बढ़ सकती हैं.

      


कार्यक्रम के संयोजक व प्राचार्य डॉ० बृजभान सिंह ने कहा कि बेटियों को सशक्त बनाना आज के समय की जरुरत है. हम पुरुषों को चाहिए कि लड़कियों के सुरक्षा व सम्मान के लिए आगे आयें और लिंग भेद की समाप्ति करें. कार्यक्रम में शिक्षा संकाय के प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह व अधिवक्ता दीपेन्द्र मिश्र ने भी अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम के अंत में दीक्षा पाण्डेय, प्राची जायसवाल, भावना यादव और शुभम रावत को जेंडर चैंपियन प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया.



 इसके पहले शिक्षा-संकाय की छात्राओं द्वारा बाल-विवाह पर आधारित नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया. कार्यक्रम में अनुराधा सिंह,  डाली यादव, वंदना देवी, लक्ष्मी मौर्य, शुभम रावत, नितिन, कोमल पाल व शालू पाण्डेय आदि छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किये. अंत में अक्स्फाम के जिला समन्वयक रणविजय राय ने छात्राओं की प्रस्तुति की सराहना करते हुए सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया.



 कार्यक्रम में चाइल्डलाइन से अर्पित श्रीवास्तव, सोनिया गुप्ता, हकीम अंसारी, रीना यादव, मेहताब खान, अभय यादव  व आजाद आलम का विशेष सहयोग रहा ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे