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BALRAMPUR:51 दिवसीय राष्ट्र रक्षा महायज्ञ का समापन


अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के ओम भवन पर चल रहे 51 दिवसीय राष्ट्र रक्षा महायज्ञ का समापन रविवार को किया गया भारत के स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्र नायक की भूमिका में रहे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वीं जयंती अवसर पर हुए राष्ट्र अच्छा यज्ञ के समापन पर स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों तथा उनके परिजनों को आर्य वीर दल द्वारा सम्मानित किया गया ।


आर्य वीर दल के संयोजक आर्य अशोक तिवारी ने बताया कि भारत माता की आजादी की लड़ाई में सत्यार्थ प्रकाश पढ़ पढ़ कर 85℅ महर्षि दयानंद के अनुयाई भाग लिए व फांसी पर चढ़े । 


लाला लाजपत राय से लेकर अशफाक उल्ला खां तक सभी की पृष्ठभूमि आर्य समाज ही थी, तभी तो स्वतंत्र भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष अनंतशयनम आयांग ने कहा था कि यदि महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता है तो महर्षि दयानंद राष्ट्रपितामह हैं । 


बलिदान पार्क बलरामपुर में महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह, महारानी लक्ष्मी बाई, चंद्रशेखर आजाद, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह की एक साथ स्थापित शिलालेख व मूर्तियों के दर्शन करके आजादी की लड़ाई का सम्पूर्ण दृश्य बरबस याद आ जाता है। 


इनके साथ ही आज बलिदान पार्क में फ्रीडम फाइटर्स के परिजनों की उपस्थिति से चार चांद लग गया है, जो हमारे लिए प्रेरणा और गौरव का दिवस है। 


यह बातें आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर आर्य वीर दल द्वारा बलिदान पार्क में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव पर चल रहे 51 दिवसीय राष्ट्र रक्षा महायज्ञ की पूर्णाहुति पर बरेली से आए हुए वैदिक विद्वान पं.भानु प्रकाश शास्त्री ने कहा। इस महायज्ञ में 51 दिनों तक ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के 100- 100 मंत्रों से आहुति दी गई गई। उद्घाटन सत्र में नवाबगंज से आए हुए पंडित राजेश पंछी तथा बीच में हरदोई से आए हुए पंडित युगल किशोर आर्य ने अपने देशभक्ति भजनों के माध्यम से आजादी की गाथा लोगों के हृदय में बैठाया। 


शास्त्री जी ने भारत मां शेरो वाली है, देश भक्ति गीत सुना कर उपस्थित जनसमुदाय को रोमांचित कर दिया। 


देवीपाटन और बस्ती मंडल फ्रीडम फाइटर्स के परिजनों ने "अमर जवान ज्योति" जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और राज्यमंत्री पलटू राम , विधायक कैलाश नाथ शुक्ल, सेतुबंध त्रिपाठी, डीएवी इंटर कॉलेज का स्टाफ तथा मोहल्ला खलवा के वासी सहित आर्य वीर दल एवं अखिल भारतीय प्रधान संगठन बलरामपुर के पदाधिकारियों द्वारा फ्रीडम फाइटर्स के परिजनों का पैर प्रचालन करके, तिलक लगाकर, पुष्प वर्षा करके तथा साल व द्रव्य भेंट करके सम्मानित किया गया। 


कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले दोनों मंडल के फ्रीडम फाइटर्स के परिजनों में स्व. कैलाश नाथ मिश्र के सुपुत्र अरुण कुमार मिश्र, स्व. मौलाना अब्दुल कयूम के पोता डॉ. वकार अहमद , स्व. भागवत प्रसाद शुक्ल के नाती सुनील कुमार शुक्ल, स्व.श्रीमती राज देवी शुक्ला के नाती कृष्णकांत शुक्ल, स्व. गंगाराम गुप्त की सुपुत्री श्रीमती गार्गी देवी, स्व. विश्वनाथ शास्त्री की धर्मपत्नी, स्व. महादेव प्रसाद कट्टर के नाती सतीश चंद्र गुप्त, स्व. राम नरेश मिश्र के सुपुत्र ओम प्रकाश मिश्र, स्व. बलभद्र प्रसाद मिश्र के सुपुत्र अर्जुन प्रसाद, स्व राम कुमार पांडे के नाती काशीराम पांडे, स्व. ब्रह्म दत्त मिश्र के सुपुत्र सुरेश चंद्र मिश्र , स्व. मंगल सिंह की पुत्रवधू झूमा सिंह एवं पोता अंशुमान सिंह आर्य तथा स्व. सुकाई राम आर्य की पौत्री आरती जयसवाल हैं । 


सम्मान समारोह के बाद सामूहिक भोज का आयोजन हुआ तथा आदर्श वैदिक पद्धति से विवाह करने वाले आर्य व्रत आर्य व मोहनी आर्या के द्वारा अतिथियों को त्रिदेव निर्णय नामक वैदिक साहित्य निशुल्क भेंट किया गया। 


ज्ञातव्य है कि इस नव दंपत्ति के विवाह में न तो एक पैसा दहेज लिया गया और न ही फ्यूल खर्चा किया गया। दिन में विवाह करना और डीजे, भांगड़ा, गोला- तमाशा- नाच - गाना का नामोनिशान तक ना होना और मदिरा तो दूर एक भी बाराती का गुटखा तक नहीं खाना पूरे समाज में चर्चा और कुतूहल का विषय बना हुआ है।

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