आयुष मौर्य
धौरहरा खीरी।डेढ़ महीने बाद खुले स्कूलों में पहुचें सैकड़ों बच्चों को सोमवार को मध्यान्ह भोजन योजना के तहत मिलने वाला भोजन प्राप्त नहीं हुआ।
जिसके चलते दोपहर बाद भूख प्यास से व्याकुल बच्चों ने अपने घर जाकर भूख को शांत किया। इससे पहले बड़े हर्षोउल्लास के साथ स्कूल पहुंचे छात्रों को आज कस्बा धौरहरा के स्कूलों में एमडीएम पहुंचाने वाली संस्था ने भोजन उपलब्ध नहीं करवा सकी।
जिससे स्कूल आने वाले छात्र मायूस होकर घर वापस चले गए ।
शीतकालीन व कोविड 19 को लेकर डेढ़ माह के अवकाश के बाद धौरहरा नगर पंचायत में सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद व शासन द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय नगर पंचायत , प्राथमिक विद्यालय बारिनटोला , प्राथमिक विद्यालय धौरहरा द्वितीय , प्राथमिक विद्यालय कबरियन टोला ,संविलयन विद्यालय धौरहरा प्रथम , राजकीय इंटर कालेज धौरहरा व राजकीय बालिका इंटर कालेज धौरहरा में नामांकित करीब 2500 बच्चों में से आज स्कूल पहुचें बच्चों को कार्यदायी संस्था द्वारा भोजन उपलब्ध नहीं करवाया गया।
जिसके चलते भूख प्यास से व्याकुल बच्चे मायूस होकर अपने घरों को जाकर अपनी भूख शांत की।
इससे पहले नगर पंचायत धौरहरा में पड़ने वाले स्कूलों में सुबह 9 बजे से ही अध्यापकों द्वारा बड़े जोरशोर से बच्चों का स्वागत कर स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू किया गया।
काफ़ी दिनों बाद खुले स्कूल की जानकारी पाकर बच्चे भी प्रसन्न मन से स्कूल पहुचें पर बच्चों की यह प्रसन्नता कुछ ही घंटे बाद मायूसी में बदल गई जब कस्बे के स्कूलों को भोजन पहुंचाने वाली संस्था ने निश्चित समय गुजर जाने के बाद भी मध्यान भोजन नहीं पहुंचाया।
बच्चे भूख से व्याकुल हो गए जिससे कस्बे के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ो छात्र - छात्राओं को एमडीएम न मिलने से वह मायूस होकर भूखे ही अपने घर को गए।
स्कूलों में भोजन को लेकर राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विनोद कुमार , प्राथमिक विद्यालय नगर पंचायत के प्रधानाध्यापक प्रियावर्त श्रीवास्तव व संविलयन विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार ने बताया कि उनके विद्यालयों को एनजीओ ने एमडीएम नहीं पहुंचाया है जिसके चलते आज बच्चों को भूखा ही रहना पड गया।
धीरेंद्र सिंह एसडीएम / अध्यक्ष एमडीएम निगरानी समिति
" मुझे एमडीएम न दिए जाने की जानकारी नहीं है ।एमडीएम न दिया जाना गलत है। बीईओ से जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी।"
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