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तरुण चेतना को प्रतिष्ठित पेशेंट फर्स्ट अवार्ड मिला



वेद व्यास त्रिपाठी

पट्टी (प्रतापगढ़)! रोगी अधिकार जागरुकता पर बेहतरीन कार्य करने के लिए तरुण चेतना संस्था को कल एक समारोह में IHW- इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग कौंसिल, नयी दिल्ली द्वारा " रोगी अधिकार पर शिक्षा, प्रशिक्षण व एडवोकेसी कटेगरी में पेशेंट फस्ट अवार्ड प्रदान किया गया।

       

 उक्त जानकारी देते हुए तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा अत्यधिक मुनाफाखोरी, नैतिक उल्लंघनों और मरीजों के शोषण के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं, जिसे रोकने के लिए 13 अधिकारों वाले पेशेन्ट चार्टर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया गया है और इसे लागू करने के लिए 2 जून 2019 को सभी राज्य सरकारों को पत्र भी लिखा गया है, परन्तु कुछ संगठनों के दबाव में इसे आज तक लागू नहीं किया गया।

       

श्री अंसारी के अनुसार मरीजों को अस्पतालों के शोषण से बचाने वाले इस *पेशेंट चार्टर* में अस्पताल द्वारा सभी शुल्क-दर प्रदर्शित किया जाना, स्वास्थ्य सेवा केंद्र में उपलब्ध सभी जांच उपचार और सुविधाओं की शुल्क दरों को जानने का अधिकार, जांच रिपोर्ट और विस्तृत बिल की एक कापी दिए जाने सहित मरीज के मृत शरीर को उनके परिवार को बिना शर्त सौंपने का अधिकार इस चार्टर में शामिल है, जिसका उल्लंघन होने पर मानवाधिकार आयोग को सीधे शिकायत की जा सकती है. 


इसके लिए संस्था द्वारा क्षेत्र में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया जिसे मिडिया ने भी प्रमुखता दी. जिसके फलस्वरूप तरुण चेतना को यह अवार्ड मिला.  

       

इस अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सिपला, बायर पैक्समैन, कैंसर केयर आदि चुनिंदा मेडिकल संस्थानों को भी अवार्ड दिया गया. 

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