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गोण्डा:दोस्त ही बन गया दोस्त का दुश्मन,हत्या कर रची यह साजिश




आर के गिरी 

गोण्डा: साथियों संग मिलकर अपने ही दोस्त को बुलाकर एक साथ बैठकर शराब पिया फिर दोस्त की बेरहमी से हत्या कर शव को अपने मड़हे पर रखे भूसे के ढेर में छिपा दिया। 


उसके बाद खुद 112 नंबर डायल कर पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य अपहरण का नाटक रचा। घटना को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे।


इटियाथोक थाना के गांव रमवापुर नायक निवासी दयाराम विश्वकर्मा का बेटा लालमनि विश्वकर्मा धानेपुर के जोगीजोत भट्ठे के पास मेडिकल स्टोर की दुकान करता था। 


सोमवार की शाम उसके गांव के पड़ोसी मित्र नाथूराम विश्वकर्मा ने लालमनि को फोन कर बुलाया वह शाम को दुकान बंद कर वहां पहुंचा आरोप है कि अपने साथ बैठा कर शराब पिलाया फिर उससे ही जबरन फोन करा कर पत्नी को अपहरण की सूचना दिलवाया। 


मृतक ने अपने मोबाइल नंबर से फोन कर खुद को मारे पीटे जाने के साथ-साथ अपहरण की बात बताई। तथा चार लाख की फिरौती न देने पर जान से मार डालने की बात कहां। उसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया। 


उसी समय अपने साथियों के साथ मिलकर नाथूराम ने लालमनि 28 वर्ष की बेरहमी से हत्या कर कर शव को अपने ही मड़हे में रखे भूसे के ढेर में छिपा दिया। 


फिर पुलिस को चकमा देने के लिए परिजनों से मिलकर स्वयं डायल 112 पर फोन कर अपहरण की झूठी अफवाह फैलाई। 


दुकान व घटनास्थल अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पड़ने के कारण कुछ घंटे तक पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। प्रकरण पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद मंगलवार को इटियाथोक थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने खोजबीन शुरू किया। 


घटना के 3 दिन तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिले। फिर पुलिस ने एक अपील जारी कर सूचना देने वाले का नाम पता गोपनीय रखने के साथ-साथ इनाम देने की घोषणा किया। 


लेकिन गुरुवार की शाम घर से 200 मीटर दूर एक मड़हे में रखें भूसे के ढेर लालमनि का शव मिलने के बाद गांव में सनसनी फैल गई। 


सूचना पर पुलिस अधीक्षक भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे देर रात्रि तक छानबीन चलती रही। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि इटियाथोक थाने में 17 मई को लालमणि विश्वकर्मा के अपहरण का मुकदमा पंजीकृत किया गया था। 


यह एक हत्या की घटना थी इसमें लालमणि के पड़ोसी मित्र नाथूराम  ने फोन कर बुलाने के बाद सभी ने एक साथ शराब पिया। उसके बाद उसी दिन साथियों संग मिलकर हत्या कर शव को छुपा दिया। 


पुलिस को चकमा देने के लिए स्वयं डायल 112 पर फोन कर अपहरण की झूठी सूचना दिया। उन्होंने कहा कि घटना का पूरी तरह से खुलासा हो चुका है। 


नाथूराम के सभी साथी पुलिस के रडार पर हैं। जल्दी सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। अन्य भी जो इसके तथ्य हैं। साथियों के पकड़ में आते ही सब कुछ खुल जाएगा।

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