सतीश वर्मा
गोण्डा। नशे के चंगुल में फंस कर किस तरह लोग बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं।
इन दिनों कुछ ऐसा ही छपिया थाना क्षेत्र के युवाओं में देखने को मिल रहा है। क्षेत्र की युवा पीढ़ी में तेजी से नशे की लत फैल रही है.
यह नशा शराब या सिगरेट का नहीं है, बल्कि गांजा, कोकीन, अफीम, स्मैक और नशीली दवाओं आदि का है। इस तरह का नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है।
कई का तो मनो चिकित्सालयों में इलाज भी चल रहा है, वहीं इस नशे के आदि होने के बाद से क्षेत्र में क्राईम भी बढ़ते जा रहे है।
बढ़रहा है क्राइम
क्षेत्र में युवा पिढ़ी द्वारा नशे के ज्यादा आदि हो जाने के बाद से क्षेत्र में चोरी, लूटपाट, मारपीट जैसी घटना लगातार बढ़ती जा रही है।
वहीं अब क्षेत्र में चंद रुपयों के कारण युवाओं लूट करते नजर रहे है। क्षेत्र में पिछले दो वर्षों के आकड़े देखे जाये तो क्षेत्र में हुई चोरी, लूटपाट सहित वारदातों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के आरोपी थे।
आसानी से मिल जाती है स्मैक की पुडिय़ा
थाना क्षेत्र के युवाओं के लिए स्मैक खरीदना आसान सी बात है, लेकिन कानून व्यवस्था से जुड़ी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं कि अवैध स्मैक का कारोबार क्षेत्र में कहां और किस तरह हो रहा है।
छपिया थाना क्षेत्र के हर गांवों में युवाओं स्मैक तस्कर खुलेआम स्मैक बेचते है। एवं अब स्थिति यह बन गई है कि क्षेत्र के मुख्य बाजार चौराहों पर भी खुलेआम स्मैक की पुडिय़ां बिकने लगी है।
धड़ल्ले से बिक रहा स्मैक
क्षेत्र की रगों में नशा बसता जा रहा है। दिनों दिन नशे की जड़ें मजबूत होती जा रही हैं।
कभी चोरी छिपे बिकने वाले नशे का सामान, आज धड़ल्ले से बिक रहा है। स्मैक के धुएं से जवानी सुलग रही और नशीले इंजेक्शन नशों में उतारे जा रहे हैं।
शहर की गली-गली में नशे के दीवाने झूमते दिख रहे हैं। सुनसान स्थानों पर स्मैक और नशीले इंजेक्शन लगाते देखे जा सकते हैं।
नशे के आदी युवाओं की बर्बादी का मंजर खुलेआम शहर में चलता जा रहा है। वही शहर में सबसे ज्यादा युवाओं के अंदर स्मैक का नंशा फैल रहा है।
जो युवाओं के परिवारों को बर्बादी की ओर ले जा रहा है। कई स्थानों पर हो रही स्मैक की बिक्री युवाओं को बर्बाद कर रही है।
महंगा नशा नशेड़ी के साथ ही पूरे परिवार को तबाह कर रहा है। नशे की चपेट में आए युवा लगभग 150 रुपए से लेकर लगभग 200 रुपए तक स्मैक की एक खुराक पीते पीते सब कुछ लुटने के बाद इंजेक्शन और नशीली गोलियों से नशे की प्यास शांत कर रहे हैं।
कुछ दिनों में हो जाते है नशे के आदी
स्मैक का नशा युवाओं के दिलो दिमाग पर इस कदर छा जाता है कि 15 दिन में ये इसके आदी हो जाते हैं।
इसकी तलब मिटाने के लिए स्मैकची को जैसे-तैसे स्मैक का जुगाड़ करना पड़ता है। स्मैक नहीं मिलने पर युवाओं में गुस्सा होना, झगड़ा करना इत्यादि आदतें सामान्य हो जाती है।
ऐसे में महंगे नशे का शौक पूरा करने के लिए कई युवा अपराध की राह चुन रहे हैं।
नशा एक ऐसी बीमारी है जो युवा पीढ़ी को अपनी चपेट में लेकर कई तरह से बीमार कर रही है। जिनके हाथों में देश का भविष्य है वही युवा वर्ग नशे में बर्बाद हो रहा है।
ऐसे में देश व समाज के हित में हम सब को मिलकर इस बुराई को उखाड़ फेंकने की आवश्यकता है।
होगी कार्यवाही
आबकारी प्रभारी सतेंद्र सिंह ने दूरभाष पर बताया ऐसे लोगो को चिन्हित कर कार्यवाही की जाएगी। क्षेत्र में अवैध कारोबार नही होने दिया जाएगा।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ