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जनसंघ संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भाजपा नेता अनिल त्रिपाठी ने मनाया पुण्यतिथि




■ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मना रही भाजपा

आलोक बर्नवाल
मेंहदावल, सन्तकबीरनगर। पुनः भाजपा के लोकसभा चुनाव को बम्पर तरीके से जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि को इस बार बलिदान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमे देश के सभी ब्लॉकों से शहरों तक मे भाजपा द्वारा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद किया गया। जिससे देश मे राष्ट्रवाद के पुरोधा का देश के भावी पीढ़ी को पता चले। इसीक्रम में मेंहदावल तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत कर्मा में आज भाजपा नेता अनिल त्रिपाठी के नेतृत्व में एक कार्यक्रम के माध्यम से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि पर नमन किया गया। जिसमें अनेको भाजपा जिलाध्यक्ष सेतभान राय सहित सभी नेताओं ने डॉ श्यामा प्रसाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी बलिदान को याद किया। आज पूरे देश मे बलिदान दिवस के अवसर अनेको कार्यक्रमो के माध्यम से भाजपा के नेताओ ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के देश के प्रति त्याग को बताया। इसी कड़ी में आज भाजपा नेता अनिल त्रिपाठी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि पर नमन करते हुए बताया कि मैं भाजपा के सांस्कृतिक संगठन में बीते दिनों भाग ले चुका है। जिसमे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान देश के हित में था।जिनके द्वारा देश को एकता के सूत्र में पिरोने का मंत्र दिया। उनके द्वारा बताया गया कि मैं तो इतिहास का संछिप्त ज्ञान रखता हूं। इस देश को आजाद करवाने में देश के हर वर्ग ने साथ दिया जबकि इसका श्रेय कांग्रेस ने ज्यादा लिया। आजादी मिलने के बाद कश्मीर के लिए नेहरू की नीति बेहतर नही रहा है। कश्मीर में तबके नेता फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर के लिए अलग से प्रधान, अलग से पहचान आदि की मांग किया गया। जिसमें जम्मू कश्मीर में जाने के लिए परमिट की भी मांग किया गया था। जिसका मंत्रिमंडल में रहे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पुरजोर विरोध करते हुए आंदोलन छेड़ दिया। इन्हें के आंदोलन के देन रहा कि कश्मीर में परमिट वाली व्यवस्था को हटाना पड़ा। भाजपा नेता ने बताया कि इस देश मे राष्ट्रवाद के विचार धारा को लोगो जागृत किया। आज भी देश मे कोई वामपंथी, कोई समुदाय विशेष के पक्ष में कोई विपक्ष में जबकि भाजपा ही सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। जिसे विगत पांच सालों से भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने मजबूत किया है। अब तक अन्य पार्टियां जाति, धर्म आदि की राजनीति करती चली आ रही है। जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने पुनः जीतकर अन्य को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसी सोच को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जन्म दिया जो राष्ट्रवाद के विचारधारा की गंगोत्री है। इस तरह से अनेको बातो को कार्यक्रम में कहा गया। इसी कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष सेतभान राय ने शिरकत किया और डॉ श्यामा  प्रसाद मुखर्जी को नमन करते हुए बताया कि बलिदान कार्यक्रम का उद्देश्य देश मे मुगलों व अंग्रेजों से लड़ाई हर वर्ग ने लड़ा लेकिन जब देश आजाद हुआ तो उसका श्रेय कांग्रेस ने ज्यादा लिया। इसी कांग्रेस में एक नेता डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रहे जो तब की अंतरिम सरकार में तीसरे नंबर पर रहे। जो कश्मीर के नेता फारूक अब्दुल्ला के दबाव में नेहरू के कश्मीर नीति का पुरजोर विरोध किया। उन्होनें ने बताया कि एक देश मे दो विधान, दो निशान आदि नही हो सकता।  जिसमे सन 1953 में कश्मीर जाने के लिए परमिट का विरोध था। जिसे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर तक विरोध किया जहां कश्मीर के जेल में इसीकारण रहस्यमय हालात में मृत्यु को प्राप्त हो गए। उनके द्वारा बताया गया कि  राष्ट्रवाद के पुरजोर समर्थक रहे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही जनसंघ की स्थापना किया। जिसमे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, नानाजी देशमुख आदि भी नेता शामिल रहे। इनका सम्मान अंग्रेजों ने सर की उपाधि दिया था। इस तरह से अनेको बातो को कहा गया। इस कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र त्रिपाठी, हरीश राय, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष पांडेय आदि ने भी अपने विचारों को रखा। इस कार्यक्रम का संचालन सर्वेश त्रिपाठी ने किया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता रामेंद्र त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस अवसर पर चंद्रकांत त्रिपाठी, आशीष त्रिपाठी, अवधेश राय, अरविंद त्रिपाठी जयप्रकाश राय, राधेश्याम यादव, श्यामू मिश्र, संदीप पाठक सनातनी, जीवन प्रसाद गुप्ता, किसान मोर्चा  शोसल मीडिया प्रमुख चंद्रशेखर बर्नवाल, हेमंत चौधरी, सौरभ राय आदि लोग उपस्थित रहे।

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