सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन, प्रदेश में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। शराब के खिलाफ अब चर्चित सामाजिक संगठन जनसंवाद मंच ने मोर्चा खोल दिया है। शराबबंदी को लेकर बुधवार को मंच द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया। मंच ने मजिस्ट्रेट से अनुरोध किया है कि शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए जनता की इस मांग को उत्तर प्रदेश शासन तक पहुंचायें।
जनसंवाद मंच का कहना है कि शराब के कारण कई घर बर्बाद हो चुके हैं और लगातार बर्बाद हो रहे हैं। शराब के नशे में धुत शराबियों के द्वारा उत्पात मचाए जाने से कई बार मारपीट की भी स्थिति हो जाती है। वहीं शराब के कारण अपराध का भी ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में अधिकतर अपराध शराब के नशे में अंजाम दिए जा रहे हैं। पूर्ण शराब बंदी के लिए शासन और प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से कार्य करे तो काफी हद तक अपराध सहित अन्य घटनाओं पर भी नियंत्रण किया जा सकता है। वहीं शराब बंदी के बाद प्रदेशवासी आर्थिक रूप से भी मजबूत होंगे।
मंच ने ज्ञापन के माध्यम से शासन से अनुरोध किया है कि देश के नागालैंड, मिजोरम, केरल, मणिपुर, गुजरात और बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी शराब बंद किया जाना चाहिए। बिहार जैसे पड़ोसी प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थिति उत्तर प्रदेश जैसे होने के बावजूद अगर बिहार सरकार शराब बंदी कर सकती है, तो फिर योगी जी को भी इसकी पहल करनी चाहिए। शराब पीने से अब तक करीब 33 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह विडंबना ही है कि एक तरफ सरकार शराब का लाइसेंस देती है, तो दूसरी तरफ मद्यपान निषेध के विज्ञापन पर करोड़ों रूपये खर्च करती है।
ज्ञापन देने वालों में अभिषेक शाही, अमित कुमार दुबे, मुकेश सोनी, आफताब तन्हा, हरीश गुप्ता, अनिल सिंह, अविनाश सिंह, धनंजय सिंह, साकिब, इक़रार सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
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