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मुशाहिद नगर:जामिया इमाम आजम अबू हनीफा अल्लीपुर बाज़ार में हुआ अखिल भारतीय संगोष्ठी का आयोजन

आयोजन में उलमाए किराम,महान बुद्धिजीवियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया

शरफ़ुद्दीन खान हशमती/गुलाम जीलानी बेग

मुशाहिद नगर(गोण्डा)उर्दू के विकास में आधुनिक संस्थानों की भूमिका के नाम से” जामिया इमाम आज़म अबू हनीफा महिला अरबी कॉलेज, अलीपुर बाजार,ज़िला गोण्डा में क़ौमी काउंसल बराए फ़रोग़ उर्दू ज़ुबान दहेली के बैनर तले एक  सेमीनार आयोजित की गई।


जिसकी अध्यक्षता  डॉ. वसी अहमद अंसारी प्रोफेसर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय लखनऊ ने की, क़यादत खलीफ़-ए- हुज़ूर ताहिरे मिल्लत अल्लामा मौलाना इसरार अहमद फैजी वहीदी संस्थापक जामिया इमाम आज़म अबू हनीफा महिला अरबी कॉलेज अलीपुर बाजार जिला गोंडा के  नेतृत्व में हुआ! 


 जिसमें डॉ मोहम्मद अकमल प्रोफेसर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय लखनऊ , ने मुख्य भाषण दिया और कहा कि उर्दू भाषा इस देश में पैदा हुई, यहीं पली बढ़ी और फली-फूली। 


धीरे-धीरे विकसित होकर यह देश की विभिन्न भाषाओं के बीच संचार की भाषा के रूप में उभरी है। 


जबकि प्रोग्राम के मुख्य अतिथि डॉ. मोहम्मद जावेद प्रोफेसर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय लखनऊ ने कहा कि भारत उर्दू भाषा की मातृभूमि है और उर्दू यहाँ की एक बड़ी आबादी की मातृभाषा है। इसकी तरक्की में सेमीनार करना बहुत अच्छा कदम है,



 प्रो. अरशद खान रज़वी ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि उर्दू भाषा की मधुरता से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है, यह मधुरता उन तक पहुंचाने की जरूरत है। वे उर्दू सुनना और सीखना चाहते हैं।



जबकि  डा महताब अहमद लखनऊ ने कहा कि यह हमारे अपने लोगों के दिल में बस गया है कि उर्दू खत्म होने वाली है। ऐसा बिल्कुल नहीं है, उर्दू भाषा का भविष्य अंधकारमय नहीं है, बल्कि हमारी मानसिकता अंधकारमय है।


 हम अपने आस-पास के माहौल को देखने की कोशिश तक नहीं करते .तो उर्दू की सेवा करने वालों को खोजें और प्रोत्साहित करें।

 


इन सज्जनों ने भी संगोष्ठी में अपने निबंध और टिप्पणियाँ प्रस्तुत कीं और मौलाना इसरार फैज़ी के इस कदम की बहुत सराहना की।

 


मौलाना गुलाम जिलानी फैजी साहिब धुसवा ने कहा कि जामिया इमाम आजम अबू हनीफा महिला अरबी कॉलेज अलीपुर में अल्लामा इसरार अहमद फैजी साहिब किबला के नेतृत्व में नेशनल काउंसिल फॉर द प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज दिल्ली के माध्यम से प्रचार और प्रकाशन के उद्देश्य से यह सेमिनार आयोजित किया गया है। 


उर्दू साहित्य की परिषद के निदेशक और भारत सरकार का यह कार्य बहुत अच्छा है कि वे उर्दू के लिए जो काम कर रहे हैं! और उर्दू के कल्याण के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए ताकि उर्दू को अच्छी प्रगति मिल सके। 



और अलीपुर बाजार की धरती पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन वास्तव में इस नई सदी को साहित्य के प्रचार-प्रसार को एक नई दिशा और गति प्रदान करेगा।



हज़रत अल्लामा मौलाना अरशद अलीमी अलीग धुसवा ने इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय उर्दू भाषा कोमी काउंसल बराए फ़रोग़ उर्दू ज़ुबान  को बधाई दी,

 


और कहा कि ऐसे बड़े कार्यक्रम होने चाहिए जिसके लिए राष्ट्रीय उर्दू भाषा को बढ़ावा देने वाली परिषद बहुत वित्तीय सहायता देती है और इन्हीं के कारण कार्यक्रम अस्तित्व में आते हैं।



 अखिल भारतीय संगोष्ठी में जहां डॉ. फरहान दीवान अलीग को 'शम्स-उर-रहमान फारूकी' पुरस्कार से सम्मानित किया गया, वहीं डॉ. मुहम्मद अकमल को 'अली सरदार जाफरी' पुरस्कार, डॉ. वसी अहमद आजम अंसारी को 'काजी अदील अब्बासी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। मौलाना मुहम्मद तनवीरुल का़दरी को 'अख्तर रजा खान अजहरी' पुरस्कार से सम्मानित किया गया, डॉ मेहताब अहमद को 'सर्वपल्ली राधाकृष्णन' पुरस्कार से सम्मानित किया गया, मौलाना अरशद खान रिजवी को 'इसरार-उल-हक मजाज' पुरस्कार से सम्मानित किया गया इन सभी को 

हजरत अल्लामा गुलाम जिलानी फैजी़, अल्लामा अरशद खान अलीमी अलीग, मुफ्ती इसरार अहमद फैजी, मौलाना महबूब आलम निजामी, संगोष्ठी के संयोजक के हाथों से सम्मानित किया गया है । 



जब की मौलाना क़मर अंजुम फैज़ी, मौलाना मुहम्मद वसीम फैजी, मौलाना बदरूद्दीन खान अलीमी, मौलाना अब्दुल कलाम ,हाफिज़ मुबारक हुसैन को मानद प्रमाण पत्र प्रदान कर के सम्मानित किया गया।

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