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इंद्रदेव को रिझाने के लिए बच्चों ने खेली काली मेघा



 बारिश नही होने से  ग्रामीण अपना रहे पुराने तरीके

रमाकांत पांडे

खबर प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील के भरोखन से है जहां बरसात ना होने पर ग्रामीणों में निराशा दिखाई दे रही है। 


एक तरफ धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ रोपे गए धान की खेती बरसात ना होने से सूखे हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण परेशान होकर इंद्रदेव को मनाने और रिझाने के लिए तमाम तरह के जतन कर रहे हैं । 


पट्टी तहसील क्षेत्र के भरोखन गांव के बच्चों ने काली मेघा खेल करके इंद्रदेव से पानी बरसाने की गुहार लगाई ।


इस दौरान काले मेघा पानी दे का शोर गांव गूंजता रहा।पट्टी तहसील क्षेत्र के विकासखंड आसपुर देवसरा के भरोखन गांव के  ग्रामीणों ने सुबह 9 बजे सभी लोगों को एकत्रित किया । 


बच्चों को सभी के दरवाजे पर पानी डाल कर लोटपोट करते हुए काली मेघा पानी दे की गुहार लगाते हुए काली मेघा खेला। 

 

इस दौरान सभी बच्चों ने सबके दरवाजे पर पानी डालकर प्रतीकात्मक रूप से इंद्रदेव से पानी जल्द बरसाने की मिन्नत किया । 


आषाढ़ का महीना समाप्त हो जाने के बाद धान की नर्सरी सूखी पड़ी हुई दिखाई दे रही है। बरसात की आस में कई किसान तो धान की नर्सरी को खेतों में रोप नहीं पा रहे हैं। 


गांव के रहने वाले राकेश यादव का कहना है कि काले मेघा पानी दे के उच्चारण के साथ बच्चे यह खेल खेल करके इंद्रदेव को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। 


नीरज यादव का कहना है कि धान की रोपाई नहीं होने से काम प्रभावित हो रहा है।  

घर घर से अनाज किया जा रहा है एकत्रित, होगा भंडारा

गांव के रहने वाले रमेश यादव, अंकुर यादव ,अजय यादव , संजय यादव,विकास यादव ,दयाशंकर यादव, दिलीप यादव ,लाल बहादुर यादव ,रामजी यादव ,सरल यादव, विपिन यादव ,रुस्तम यादव, विजय नाथ वर्मा ,विजय प्रकाश यादव, अनिल श्रीवास्तव, सनी श्रीवास्तव आदि लोगों ने सभी के घर जाकर अनाज इकट्ठा करना शुरू कर दिया। 


शाम के समय पकवान बनाकर प्रसाद के रूप में लोगों को वितरित किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होगी ऐसी ही प्रार्थना होती रहेगी।

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