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आयुर्वेद का अमृतकाल-हर दिन हर घर आयुर्वेद कार्यक्रम का हुआ अयोजन, आप भी इस तरह रख सकते हैं निरोगी काया



वेदव्यास त्रिपाठी 

खबर प्रतापगढ़ से है जहां अपर मुख्य सचिव आयुष विभाग उत्तर प्रदेश के निर्देशन एवं निदेशक आयुर्वेदिक सेवाएं उत्तर प्रदेश लखनऊ के देखरेख मे आजादी का अमृत महोत्सव एवं आयुर्वेद का अमृत काल कार्यक्रम के अंतर्गत आयुर्वेद दिवस को जनपद में हर दिन हर घर आयुर्वेद थीम के साथ जन संदेश, जन आन्दोलन, जन भागीदारी के रूप में मनाया जा रहा हैै।इसी कड़ी में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम सेंट एंथोनी इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया जिसमें छात्रों एवं शिक्षकों को आयुर्वेद के सिद्धांतों, आहार, दिनचर्या, स्वस्थ जीवनशैली विषय मे रोचक जानकारी दी गयी।


कॉलेज के प्रधानाचार्य आनंद कुमार जॉन ने कहा कि आयुष मंत्रालय के प्रयासों से आयुर्वेद जन जन की पसंद बन रहा है।विद्यालयों मे स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रमों से भावी पीढ़ी स्वस्थ रहेगी तभी हमारा राष्ट्र प्रगति कर सकता है।


पौष्टिक खान पान से बीमारियों से बच सकते हैँ। चिकित्सा अधिकारी राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पूरेभीखा/फेनहा डा. रंगनाथ शुक्ल सब आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य के विषय मे जानकारी देते हुए कहा कि भविष्य में स्वास्थ्य चुनौतियों को आयुर्वेद सिद्धांतों को अपना कर दूर किया जा सकता थे। 


घर में उपलब्ध किचन मसालों एवं पौधों तुलसी एलोवेरा, हल्दी, अजवाइन, मेथी, जीरा, दालचीनी के औषधीय गुणों के बारे में जानकारी दी।उन्होंने बताया कि

भारतीय परंपरा में पहले भोजन में मोटे अनाज रागी, बाजारा, मक्का, ज्वार का प्रयोग होता था पर आज हमारे आहार से यह मोटे अनाज गायब हो गए हैं ।


इसीलिए जोड़ों के दर्द, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी अनेक बीमारियां हो रही हैं। यह मोटे अनाज सभी पोषक तत्वों से पूर्ण होते हैं इसलिए हमें इन्हें अपने आहार का हिस्सा बनाना होगा।


प्रभारी चिकित्साधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, रामापुर कोहडोर डा. अवनीश पाण्डेय ने कहा कि आयुर्वेद का पहला उद्देश्य व्यक्ति को स्वस्थ रखना है।स्वस्थ रहने के लिए हमे अपनी पाचन क्षमता के अनुसार ताजा भोजन करना चाहिए।


भोजन करने के बाद 100 कदम टहलना चाहिए।विरुद्ध आहार से बचना चाहिए।दूध के साथ फल का सेवन करने से बचें।गरम और ठंडी चीजों को एक साथ न खाएं।डा. अवनीश ने मेरा स्वास्थ्य मेरी जिम्मेदारी का संदेश देते हुए प्रकृति, मौसम एवं पाचन क्षमता के अनुसार भोजन लेने की सलाह दी।


प्रभारी चिकित्साधिकारी पी एच सी मंदाह डा.भरत नायक ने योग प्राणायाम क विषय मे जानकारी दी और बच्चों को फास्ट फ़ूड पिज्जा बर्गर नूडल कोल्डड्रिंक से बचने की सलाह दी।


प्राचार्य क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी शिव प्रकाश ने अपने आयुर्वेद के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मेरी जीवनशैली आयुर्वेद मे बताये नियमों से चलती है।


ब्राह्ममुहूर्त मे उठने के साथ 30 मिनट का योगभ्यास एवं चाय की जगह आयुर्वेदिक काढ़ा दैनिक जीवन का हिस्सा है।


कार्यक्रम मे जी जी आई सी के प्रवक्ता डा. मोहम्मद अनीस, ए आर पी बेसिक शिक्षा विभाग धर्मेंद्र ओझा, चिकित्साधिकारी डा रंगनाथ शुक्ल, डा अवनीश पाण्डेय, डा भरत नायक, शिव प्रकाश, विनोद कुमार सहित 1800 छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

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