कमलेश
खमरिया खीरी:उदार मन,भारतेश्वरी मां सीता जैसा काम शायद भारत की ही स्त्री कर सकती है, जिन्होंने अपने पति का चेहरा पढ़ लिया कि संकट में है, और पति को संकट में देखकर अपनी मुंदरी निकालकर दे दी।
यह वृतांत खमरिया की रामलीला में मंचन हुआ जब केवट ने राम, लक्ष्मण और मां सीता को गंगा पार कराई तब राम संकट में आ गए कि नदी पार कराने पर क्या दें इस नाविक को ?
पति के हृदय की जानने वाली सीता जी ने आनंद भरे मन से अपनी रत्न जडि़त अँगूठी (अँगुली से) उतारी। कृपालु श्री रामचन्द्र जी ने केवट से कहा,नाव की उतराई लो।
तब केवट ने व्याकुल भगवान राम के चरण पकड़ कर कहा कि एक मल्लाह दूसरे मल्लाह से कैसे मजदूरी ले सकते है।
इस प्रसंग के बाद में रावण द्वारा सीता हरण,राम के द्वारा जटायू उद्धार,शबरी के बेर,सूपनखा रावण संवाद आदि प्रमुख प्रसंग देख श्रोता भावविभोर हो गए।
इन प्रसंगों में भगवान राम का रोल पंकज मिश्रा,लखन का मनोज मिश्र,सीता जी का रोल शिव त्रिवेदी,रावण का राम कुमार कश्यप जटायू का विजय गौतम, केवट का बाशिस्ट अनिल मिश्रा,भरत का अनिल साहू,सूपनखा का अशोक कनौजिया,खर दूषण का गंगाराम कश्यप,स्वर्ण मृग का अनिल मिश्रा उर्फ़ बाली महाराज ने रोल अदा किया,जिसको देख दर्शकों ने खूब प्रशंसा की।
राम केवट संवाद के दौरान रामलीला में लंपी वायरस से बचाव के बताए गए उपाय
ईसानगर क्षेत्र के क़स्बा खमरिया में हो रही रामलीला लोगों का आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। तराई में हो रही रामलीला जहां हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहीं है तो रविवार को रात हुए राम केवट संवाद में मंचन के दौरान मवेशियों में फैल रहे लंपी वायरस से बचाव के उपाय भी लोगों को बताए गए।
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