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छपिया सीएचसी में मेडिकल रिपोर्ट बनाने के नाम पर वसूली, दो हजार रूपए लेकर शरीर में बनाए चोट के निशान, फिर बना मेडिकल रिपोर्ट



गोण्डा जनपद के छपिया सीएचसी का मेडिकल के नाम पर दो हजार रुपए रिश्वत लेने का मामला प्रकाश में आया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा है।बताया जाता है कि रिश्वत लेने का प्रकरण छपिया के मसकनवा कस्बे में हुए मारपीट से जुड़ा है। 

 बता दे कि बीते 19 फरवरी को शरेशाम मसकनवा कस्बे में, खोड़ारे थाना क्षेत्र के गौराचौकी निवासी विनोद पुत्र राजेंद्र प्रसाद विभिन्न कंपनियों के खाद्य पदार्थो के सामानों की सप्लाई की एजेंसी है। इसी क्रम में पीड़ित एक कंपनी के बिस्कुट का सप्लाई करने मसकनवा आया था। जहां कस्बे के दबंग व्यापारी ने क्षेत्रवाद का नाम अलापते हुए पीड़ित से मारपीट शुरू कर दी थी। 


जिसके उपरांत पीड़ित स्थानीय चौकी मसकनवा पहुंचा। जहां से मेडिकल कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपिया ले जाया गया। बताया जाता है कि, उक्त मेडिकल में अच्छा रिपोर्ट बनवाने के नाम पर पीड़ित से दो हजार रुपए ले लिए गए। इसका कोई वीडियो बना रहा था, जो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया।


  वीडियो में स्पष्ट दिख दिख रहा है कि, मौके पर तैनात फार्मेसिस्ट द्वारा पीड़ित के शरीर पर सिक्के से पिटाई का खुरच खुरच कर निशान बनाया जा रहा है। सिक्के से पहले पीड़ित के पीट पर खुरच कर निशान बनाते है,उसके बाद पैर और जांघ पर निशान बनाया जाता है।


 अब यहां प्रश्न यह उठता है कि, जब मारपीट में पीड़ित का मेडिकल रिपोर्ट बनाने में डॉक्टर के संवेदना मर गई। मारपीट में चोटिल इंसान से मेडिकल रिपोर्ट को बनाने के नाम पर दो हजार रुपए ले लिया। तब ऐसी स्थिति में जो लोग बीमार होकर इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचते होंगे उनसे कितनी उगाही की जाती होगी? इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है।


  सबसे बड़ी बात यह है कि विधि व्यवस्था में मारपीट के मामले में मेडिकल रिपोर्ट सबसे अहम कड़ी होती है। यदि मन माफिक मेडिकल रिपोर्ट छपिया सीएचसी से रुपए देकर बनाया जा रहा है, तो ऐसे में क्या निर्दोषों को सूली पर चढ़ाने का इंतजाम करने, व दोषियों को भी बचाया जा सकता है। जबकि किसी भी मामले में पुलिसिया कार्रवाई मेडिकल रिपोर्ट पर निर्भर होती है। 


 अब देखना यह होगा कि मेडिकल रिपोर्ट का खेल वायरल होने के बाद अधिकारी मामले को कितने गंभीरता से लेते है। ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था में क्या गरीब को न्याय मिल पाएगा? यह बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है।

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